Thursday, 30 September 2021

ଆକାଙ୍କ ଉପରେ ବର୍ଷିଲେ ପାକ୍ ଆତଙ୍କବାଦୀ


ପାକସ୍ତାନରେ 10 ଆତଙ୍କବାଦୀ


କ୍ଯାମେରା ସାମନାରେ ସତ ଓଗାଳିଲା ପାକ୍ ଆତଙ୍କବାଦୀ


5 ସଂଗଠନ ଭାରତ ବିରୋଧରେ ସକ୍ରିୟ


ପାକିସ୍ତାନର ଭାରତ ବିରୋଧୀ ଷଡଯନ୍ତ୍ର ପଦାରେ ପଡିଲା


ଚାନ୍ଦିପୁର ଆଇଟିଆର ତଥ୍ଯ-ମିଳିଲା ପାକିସ୍ତାନୀ ଯୁବତୀଙ୍କ ଫଟୋ

 ଚାନ୍ଦିପୁର ଆଇଟିଆର ତଥ୍ଯ-ମିଳିଲା ପାକିସ୍ତାନୀ ଯୁବତୀଙ୍କ ଫଟୋ

ଚାନ୍ଦିପୁର ଆଇଟିଆର ତଥ୍ଯ-ମିଳିଲା ପାକିସ୍ତାନୀ ଯୁବତୀଙ୍କ ଫଟୋ
ପାକିସ୍ତାନର ଭାରତ ବିରୋଧୀ ଷଡଯନ୍ତ୍ର ପଦାରେ ପଡିଲା
ମିଳିଲା ରହସ୍ଯମଯୀଙ୍କ ଫଟୋ
5 ସଂଗଠନ ଭାରତ ବିରୋଧରେ ସକ୍ରିୟ
କ୍ଯାମେରା ସାମନାରେ ସତ ଓଗାଳିଲା ପାକ୍ ଆତଙ୍କବାଦୀ
ପାକସ୍ତାନରେ 10 ଆତଙ୍କବାଦୀ
ଆକାଙ୍କ ଉପରେ ବର୍ଷିଲେ ପାକ୍ ଆତଙ୍କବାଦୀ

Wednesday, 29 September 2021

ପାକିସ୍ତାନରେ 12 ଆତଙ୍କବାଦୀ ସଂଗଠନ ସକ୍ରୀୟ

 

ଆତଙ୍କବାଦ

ଚାନ୍ଦିପୁର ଆଇଟିଆର ତଥ୍ଯ ପ୍ରଘଟ ଘଟଣା-ସିିବିଆଇ ତଦନ୍ତ ଲାଗି ନିର୍ଦେଶ
https://pragativadi.com/epaper/media/news_map/1632861907_3081.jpg
ପାକ୍ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ଅନୁପ୍ରବେଶ ଉଦ୍ଯମ ପଣ୍ଡ
https://pragativadi.com/epaper/media/news_map/1632862015_6810.jpg
 ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ମତ୍ଯୁ, ଅନ୍ଯ ଜଣେ ଗିରଫ
http://nitidinepaper.com/ArticlePage/APpage.php?edn=Bhubaneswar&articleid=NITIDIN_BHUB_20210929_1_6&artwidth=127px
ପାକିସ୍ତାନରେ 12 ଆତଙ୍କବାଦୀ ସଂଗଠନ ସକ୍ରୀୟ
http://nitidinepaper.com/ArticlePage/APpage.php?edn=Bhubaneswar&articleid=NITIDIN_BHUB_20210929_2_8&artwidth=387px


ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ମତ୍ଯୁ, ଅନ୍ଯ ଜଣେ ଗିରଫ

 

ଆତଙ୍କବାଦ

ଚାନ୍ଦିପୁର ଆଇଟିଆର ତଥ୍ଯ ପ୍ରଘଟ ଘଟଣା-ସିିବିଆଇ ତଦନ୍ତ ଲାଗି ନିର୍ଦେଶ
https://pragativadi.com/epaper/media/news_map/1632861907_3081.jpg
ପାକ୍ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ଅନୁପ୍ରବେଶ ଉଦ୍ଯମ ପଣ୍ଡ
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 ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ମତ୍ଯୁ, ଅନ୍ଯ ଜଣେ ଗିରଫ
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ପାକିସ୍ତାନରେ 12 ଆତଙ୍କବାଦୀ ସଂଗଠନ ସକ୍ରୀୟ
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ପାକ୍ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ଅନୁପ୍ରବେଶ ଉଦ୍ଯମ ପଣ୍ଡ

 

ଆତଙ୍କବାଦ

ଚାନ୍ଦିପୁର ଆଇଟିଆର ତଥ୍ଯ ପ୍ରଘଟ ଘଟଣା-ସିିବିଆଇ ତଦନ୍ତ ଲାଗି ନିର୍ଦେଶ
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ପାକ୍ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ଅନୁପ୍ରବେଶ ଉଦ୍ଯମ ପଣ୍ଡ
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 ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ମତ୍ଯୁ, ଅନ୍ଯ ଜଣେ ଗିରଫ
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ଚାନ୍ଦିପୁର ଆଇଟିଆର ତଥ୍ଯ ପ୍ରଘଟ ଘଟଣା-ସିିବିଆଇ ତଦନ୍ତ ଲାଗି ନିର୍ଦେଶ

 

ଆତଙ୍କବାଦ

ଚାନ୍ଦିପୁର ଆଇଟିଆର ତଥ୍ଯ ପ୍ରଘଟ ଘଟଣା-ସିିବିଆଇ ତଦନ୍ତ ଲାଗି ନିର୍ଦେଶ
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ପାକ୍ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ଅନୁପ୍ରବେଶ ଉଦ୍ଯମ ପଣ୍ଡ
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 ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ମତ୍ଯୁ, ଅନ୍ଯ ଜଣେ ଗିରଫ
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ପାକିସ୍ତାନରେ 12 ଆତଙ୍କବାଦୀ ସଂଗଠନ ସକ୍ରୀୟ
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Wednesday, 22 September 2021

ଗୁପ୍ତ ତଥ୍ଯଲାଗି ଦୁବାଇରୁ ଟଙ୍କା,ଦୁବାଇରୁ ଚାନ୍ଦିପୁର ଡ୍ରିଲ,ବିଭିନ୍ନ ସ୍ଥାନରେ ଏନ୍ଆଇଆର ଚଢାଉ,ଜୁବତୀ ଜଣକ କିଏ,ଉରିରେ ପାକ୍ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ଅନୁପ୍ରବେଶ,मुंबई में 4 कोचिंग संस्थान, दुनिया की नजरों में टीचर रिजवान: असल में आतंकियों का मददगार, ATS ने पकड़ा

 

ଗୁପ୍ତ ତଥ୍ଯଲାଗି ଦୁବାଇରୁ ଟଙ୍କା
ବାଲେଶ୍ବରରୁ ଶିଖନ୍ତୁ ସରକାର
ଦୁବାଇରୁ ଚାନ୍ଦିପୁର ଡ୍ରିଲ
ବିଭିନ୍ନ ସ୍ଥାନରେ ଏନ୍ଆଇଆର ଚଢାଉ
ଜୁବତୀ ଜଣକ କିଏ
ଉରିରେ ପାକ୍ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ଅନୁପ୍ରବେଶ

मुंबई में 4 कोचिंग संस्थान, दुनिया की नजरों में टीचर रिजवान: असल में आतंकियों का मददगार, ATS ने पकड़ा

Sunday, 19 September 2021

सोशल मीडिया से जिहाद फ़ैलाने वालों के बारे में अब सीधे NIA को बताइए

 

सोशल मीडिया से जिहाद फ़ैलाने वालों के बारे में अब सीधे NIA को बताइए

सोशल मीडिया के जरिए बढ़ती कट्टरता से निपटने के लिए देश की प्रमुख जाँच एजेंसी राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने सोशल मीडिया पर आतंकी संगठन ISIS की विचारधारा का प्रचार करने अथवा युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ आम लोगों को सूचित करने या शिकायत दर्ज करने के लिए एक हॉटलाइन नंबर 011-24368800 जारी किया है।

NIA ने बड़ी संख्या में आतंकी फंडिंग साजिश और हमले से जुड़े मामलों की जाँच की है, जिसमें 37 ऐसे मामले पाए गए हैं, जिनमें आरोपित ISIS से प्रेरित थे। सबसे ताजा मामला NIA ने जून 2021 में दर्ज किया गया था। NIA ने कुल 168 आरोपितों की गिरफ्तारी की थी, जिनमें से 31 मामलों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और 27 आरोपितों को विशेष NIA अदालत ने दोषी ठहराया है।

इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एँड सीरिया (ISIS) मध्य पूर्व के कुख्यात आतंकवादी संगठनों में से एक है। अपनी क्रूर हिंसा और नागरिकों पर हमलों के लिए कुख्यात संगठन इसके जरिए दुनियाभर में इस्लामिक राज्य स्थापित करना चाहता है।

लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की चिंता सता रही है कि ISIS लगातार सोशल मी़डिया के जरिए अपना प्रचार करते हुए भारत में अपना जाल फैला रहा है। भारत में इसके फैलाव को देखें तो अधिकतर ISIS मॉड्यूल, भर्ती, कट्टरता और आतंकी संगठन में शामिल होने के मामले केरल से सामने आए हैं। खासकर उत्तरी केरल सुरक्षा एजेंसियों की जाँच के दायरे का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।

ऐसे फंसाते हैं युवाओं को

आतंकी संगठन ISIS भोले-भाले य़ुवाओं को फँसाने के लिए फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, हूप इंस्टाग्राम जैसे ओपन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहा है। जैसे ही कोई एक बार जब इनमें दिलचस्पी दिखाता है तो विदेशों में बैठे ISIS हैंडलर डार्क वेब जैसे एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए युवाओं को कट्टर बनाना शुरू कर देते हैं। हैंडलर उन्हें ISIS साहित्य अपलोड करने और फैलाने, ऑनलाइन सामग्री तैयार करने, स्थानीय भाषाओं में आतंकी साहित्य का अनुवाद करने, मॉड्यूल स्लीपर सेल तैयार करने, हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा करने, आईईडी इकट्ठा करने, आतंकी फंडिंग के साथ हमला करने के लिए उकसाता है।

आतंकी संगठन युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने के लिए भारत को फोकस करके एक ऑनलाइन मासिक पत्रिका ‘वॉयस ऑफ हिंद‘ प्रकाशित करता है। ऐसे कई उदाहरण मिल जाएँगे जहाँ ISIS के स्थानीय आतंकियों ने उसके मॉड्यूल को स्थापित किया, जो कि अलग-अलग नामों से चल रहे हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो जनवरी 2020 में तमिलनाडु पुलिस के विशेष उप-निरीक्षक वाई विल्सन की हत्या की जाँच के दौरान ये जानकारी सामने आई थी कि ISIS के गुर्गे अब्दुल शमीम और तौफीक ISIS के अल-हिंद मॉड्यूल से जुड़े हुए थे।

जाँच में इस बात का पता चला था कि खाजा मोइदीन और महबूब पाशा ने भारत में आतंकी संगठन ISIS के उद्देश्यों को पूरा करने और इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए खिलाफत करने की कोशिश में थे। इसके अलावा ISIS का एक अन्य मॉड्यूल हिज़्ब-उत-तहरीर है, जिसका भंडाफोड़ कर्नाटक के बेंगलुरू में किया गया था। इस संगठन का को भारत में हिंदू नेताओं की हत्या करने का काम सौंपा गया था।

इसके अलावा कई उदाहरण ऐसे भी हैं, जिनेमें ISIS के रंगरूटों को हथियार चलाने और आईईडी बनाने का प्रशिक्षण देने के लिए दक्षिण भारतीय राज्यों के घने जंगल में आतंकी प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए गए थे। इस बात का खुलासा उस दौरान हुआ था, जब एनआईए केरल में ISIS से जुड़े एक केस (आरसी 02/2020/एनआईए/डीएलआई) की जाँच कर रही थी। इसमें खुलासा हुआ था कि ISIS के गुर्गों ने सीक्रेट कम्यूनिकेशन माध्यम डार्क वेब के जरिए अपने विदेशी हैंडलरों से आईईडी बनाया था औऱ उसकी टेस्टिंग भी की थी। आतंकी प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के लिए कैंपिंग उपकरण खरीदे गए थे।

Thursday, 16 September 2021

दक्षिण भारत में ‘इस्लामी खिलाफत’ चाहता था अल-हिंद का आतंकी : NIA की चार्जशीट

 

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के अल-हिंद मॉड्यूल से जुड़े एक आतंकवादी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। इससे पता चला है कि आतंकवादी ने दक्षिण भारत में ‘इस्लामी खिलाफत’ स्थापित करने की कोशिश में था। इस मामले में एनआईए की ओर से दायर यह दूसरी चार्जशीट है। एजेंसी द्वारा पहली चार्जशीट जुलाई 2020 में चेन्नई में विशेष एनआईए अदालत के समक्ष दायर की गई थी।

टाइम्स नाउ का दावा है यह चार्जशीट उसके पास है। इसमें बताया गया है कि आईएसआईएस आतंकवादियों ने बेंगलुरु को बेस के रूप में चुना था। 2019 से कर्नाटक और तमिलनाडु में साजिशों को लेकर कई बैठकें की थी। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह ISIS की विचारधारा का प्रचार करने में लगा था। पुलिस अधिकारियों और हिंदू नेताओं की हत्या के लिए हथियारों और विस्फोटकों को इकट्ठा करने की साजिश रची गयी। एनआईए का कहना है कि आरोपित ने एक अज्ञात आईएसआईएस हैंडलर के साथ साजिश रची थी।

3 सितंबर को दायर चार्जशीट में चेन्नई निवासी 39 वर्षीय शिहाबुद्दीन (उर्फ सिराजुदीन और खालिद) के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 25(1)(ए) और गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम 1967 की धारा 18, 20, 38 और 39 के तहत आरोप लगाए गए हैं। शिहाबुद्दीन को एनआईए ने जनवरी 2021 में स्पेशल सब-इंस्पेक्टर ए विल्सन की नृशंस हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। एनआईए के मुताबिक, आईएसआईएस आतंकवादी शिहाबुद्दीन मुंबई में हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा करने और आपूर्ति करने में एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।

जनवरी 2020 में तमिलनाडु के पुलिस अधिकारी एसएसआई विल्सन को मारने के लिए शिहाबुदीन और उसके सहयोगियों द्वारा बन्दूक और गोला-बारूद का इस्तेमाल किया गया था। एसएसआई को मारने के बाद शिहाबुद्दीन कतर भाग गया था। 6 जनवरी, 2021 को कतर से आने पर उसे एनआईए द्वारा चेन्नई हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था।

एसएसआई विल्सन की हत्या में शुरुआती जाँच से पता चला था कि उसके हत्यारे ‘स्व-घोषित जिहादी’ थे, जिन्होंने जनवरी 2020 में बेंगलुरु में तमिलनाडु पुलिस द्वारा अपने आईएसआईएस सहयोगियों की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने विल्सन की नृशंस हत्या के सिलसिले में 6 आरोपित आईएसआईएस आतंकवादियों के खिलाफ चेन्नई में विशेष एनआईए अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया है। चार्जशीट में विल्सन हत्या मामले में अब्दुल शमीम, वाई तौफीक, खाजा मोहिदीन, महबूब पाशा, एजस पाशा और जफर अली को आरोपित बताया गया है। इन पर आईपीसी की धारा 120 बी, 302, 353 और 506 (ii) 34 के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा यूए (पी) एक्ट 1967 के तहत 16, 18, 18बी, 20, 23, 38 और 39 और आर्म्स एक्ट की धारा 25(1बी)(ए) और 27 के तहत आरोप लगाए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि बेंगलुरु में महबूब पाशा और 16 अन्य लोगों के खिलाफ सद्दुगुंटेपल्या पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। बेंगलुरु के गुरप्पनपाल्या के रहने वाले महबूब पाशा और खाजा मोइदीन, जो तमिलनाडु में विभिन्न आतंकवाद और हत्या के मामलों में आरोपित है, ने दक्षिण भारत में युवा मुस्लिमों की भर्ती करके एक आतंकवादी समूह का गठन किया। एनआईए ने 23 जनवरी, 2020 को मामला फिर से दर्ज किया था और 1 फरवरी को तमिलनाडु पुलिस से मामला अपने हाथ में ले लिया था। जाँच से पता चला कि आरोपितों ने अल-हिंद मॉड्यूल का गठन किया था और अप्रैल 2019 में बेंगलुरु को अपने बेस के रूप में चुना था।

चार्जशीट में यह भी कहा गया कि पुरुषों को जंगलों में जीवनयापन करने और हिंदू नेताओं और सरकारी अधिकारियों का शिकार करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। आरोपितों ने आतंकवादी हमले को अंजाम देने के बाद शरण लेने के लिए कोलार, कोडागु और अन्य स्थानों (कर्नाटक), जंबुसर (गुजरात), रत्नागिरी (महाराष्ट्र), चित्तूर (आंध्र प्रदेश), बर्दवान और सिलीगुड़ी आदि स्थानों पर सुरक्षित ठिकानों की पहचान की। जाँच के क्रम में आरोपितों के घरों और संपत्ति से प्रशिक्षण सामग्री जैसे धनुष, तीर, रस्सी की सीढ़ी, पानी की चरखी, जंगल के जूते, स्लीपिंग बैग, टेंट, जंबो बैग आदि जब्त किए गए। इसके साथ ही आरोपित व्यक्तियों के पास से बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री भी जब्त किए गए।

ऑनलाइन भर्ती की कोशिश

इसके अलावा एनआईए ने 25 आईएसआईएस संदिग्धों की भी पहचान की है, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे अफगानिस्तान में हैं और अफगानिस्तान संकट के बाद जिहाद के लिए भारतीयों को ऑनलाइन भर्ती करने का प्रयास कर रहे हैं। एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “बेंगलुरू आईएसआईएस मॉड्यूल में विदेशी हैंडलर की पहचान अभी तक नहीं हुई है। उनके चैट में उसका नाम ‘भाई’ है।”

संदर्भ : OpIndia

Wednesday, 15 September 2021

दिल्ली पुलिस ने किया पाक मॉड्यूल का भंडाफोड, ६ जिहादी आतंकी गिरफ्तार

 


दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार (सितंबर 14, 2021) को पाकिस्तान के आंतकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें 2 आतंकी ऐसे भी थे जिन्हें पाकिस्तान में ही ट्रेनिंग दी गई थी। इन 6 की पहचान महाराष्ट्र के जन मोहम्मद शेख, दिल्ली के ओसामा समी, राय बरेली के ओसामा मूलचंद, प्रयागराज के जीशान कमर, लखनऊ के मो आमिर जावेद और अबू बकर के तौर पर हुई है। इनमें जीशान और ओसामा वह हैं जिन्हें पाकिस्तान में प्रशिक्षित किया गया।

जीशान को प्रयागराज से पकड़ा गया। छानबीन में सामने आया कि वो एमबीए कर चुका है और दुबई में अकॉउंटेंट की जॉब करता था। कोरोना के कारण लॉकडाउन में वह घर लौटा और खजूर का बिजनेस शुरू कर दिया।

इनमें जन मोहम्मद शेख उर्फ समीर कालिया लंबे समय से मुंबई पुलिस की नजर में था। पेशे से ड्राइवर शेख को 2001 में एक केस में गिरफ्तार भी किया गया था। ऐसे ही लखनऊ से पकड़ा गया मोहम्मद आमिर जावेद, जीशान का रिश्तेदार था और पेशे से एक मजहबी उलेमा था। मूलचंद के बारे में बताया जा रहा है कि वो एक किसान था और दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी के कॉन्टैक्ट में था। मो अबू बकर बहराइच निवासी था, लेकिन जेद्दाह में रहता था। उसने 2013 में देवबंद के मदरसे से तालीम ली थी। ओसामा का परिवार मेवों का बिजनेस करता था, जिसके चलते वह कई बार मिडल ईस्ट देशों में जाता रहता था। पुलिस बताती है कि वह मस्कट गया था और पानी के रास्ते पाकिस्तान पहुँचा था।

दिल्ली पुलिस ने किया पाक मॉड्यूल का भंडाफोड़

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने इन गिरफ्तारियों के संबंध में बयान जारी करते हुए बताया, “हमने एक समीर को कोटा से गिरफ्तार किया है। 2 लोग दिल्ली से पकड़े गए हैं और तीन लोग उत्तर प्रदेश से पकड़े गए हैं।” स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी नीरज ठाकुर ने बताया, “गिरफ्तार लोगों ने कहा है कि उनके समूह में 14-15 बांग्ला भाषी व्यक्ति थे जिन्हें शायद इसी तरह के प्रशिक्षण के लिए लिया गया था। ऐसा लगता है कि इस ऑपरेशन को सीमा पार से बारीकी से कॉर्डिनेट किया गया था।”

इस पूरे मामले में आरोपित जन मोहम्मद शेख, ओसामा मूलचंद और मोहम्मद अबू बकर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। दो अन्य आरोपित भी कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेजे जाएँगे। जाँच में पता चला है कि संदिग्ध आतंकियों कोदा गाजी नाम के एक मेजर या लेफ्टिनेंट रैंक के अधिकारी के अंतर्गत प्रशिक्षित किया गया था। इनमें दो सब ऑर्डिनेट्स थे जिनका नाम जब्बार और हमजा है।

अलग-अलग राज्यों से पकड़े गए इन आतंकियों के निशाने पर 6 राज्यों के 15 शहर थे। नवरात्रि और रामलीला के दौरान भीड़भाड़ में हमलों को अंजाम देने की इनकी प्लानिंग थी। कुछ नामचीन भी इनके निशाने पर थे। इनके पास से विस्फोटक भी मिले हैं। यह बात भी सामने आई है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का भाई अनीस इसके लिए फंड मुहैया करा रहा था। इस बड़े आतंकी हमले की साजिश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने रची थी।

Saturday, 14 August 2021

अयोध्या में राम जन्मभूमि को दहलाने की बडी साजिश नाकाम, 4 खूंखार आतंकी गिरफ्तार

 

जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले पुलिस ने बड़े आतंकी हमले का प्लान ध्वस्त कर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के 4 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार (14 अगस्त) को अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि जम्मू में आतंकवादियों की मौजूदगी को जड़ से खत्म करने की कार्रवाई के तहत जम्मू पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने कहा, “वे ड्रोन से गिराए गए हथियारों को इकट्ठा कर उन्हें कश्मीर घाटी में जैश के सक्रिय आतंकवादियों तक पहुँचने की योजना बना रहे थे। इसके अलावा, आतंकवादियों का 15 अगस्त को जम्मू में वाहन IED धमाका करने का प्लान था। वे देश के अन्य हिस्सों में महत्वपूर्ण जगहों की रेकी करने में भी लगे थे।”

एडीजीपी, जम्मू ने बताया कि आतंकियों की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है। इससे एक बड़े आतंकी हमले को टाला गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस आतंकियों से पूछताछ करने में लगी हुई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने सबसे पहले आतंकी मुंतजिर मंजूर उर्फ सैफुल्ला पुत्र मंजूर अहमद भट निवासी पुलवामा को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ के बाद जैश के तीन अन्य आतंकवादियों तौसीफ अहमद शाह, आतंकी इजहार खान उर्फ सोनू खान पुत्र इंतेजार खान निवासी मिरदान मोहल्ला कंडाला शामली (उत्तर प्रदेश) और जहाँगीर अहमद भट पुत्र मुश्ताक अहमद भट निवासी बांदजू पुलवामा को गिरफ्तार किया गया।

मंजूर अहमद भट आतंकवादी संगठन जैश का एक प्रमुख सदस्य है, जिसके पास से पुलिस को एक पिस्तौल, एक मैगजीन, 8 लाइव राउंड और दो चीनी हैंड ग्रेनेड बरामद हुए हैं। उसके पास से कश्मीर घाटी में हथियार सप्लाई के लिए इस्तेमाल होने वाले उसके ट्रक को भी जब्त कर लिया गया है।

श्रीराम जन्मभूमि की रेकी करने से पहले ही हुए गिरफ्तार

गौरतलब है कि गिरफ्तार हुए आतंकी इजहार खान ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान में बैठे कमांडर मुनाजिर उर्फ शाहिद ने उसे अमृतसर के पास ड्रोन से गिराए गए हथियार को इकट्ठा कर आतंकियों को सौंपने के लिए कहा था। उसने बताया कि उसे पानीपत तेल रिफाइनरी की रेकी करने के लिए भी कहा गया था, जिसके वीडियो उसने पाकिस्तान को भेजे थे। फिर उसे अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि की रेकी करने का काम सौंपा गया, लेकिन इस काम को पूरा करने से पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

Saturday, 19 June 2021

IT विभाग ने इस्लामिक संगठन PFI का 80जी पंजीकरण किया रद्द

 

आयकर विभाग ने मंगलवार (15 जून 2021) को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का 80जी पंजीकरण रद्द कर दिया है। आयकर विभाग ने कहा कि इस्लामी संगठन समुदायों के बीच ‘सद्भावना’ और ‘भाईचारे’ को खत्म कर रहा है।

22 मार्च, 2021 के एक आदेश में कहा गया है कि आईटी विभाग ने आयकर नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का 80G पंजीकरण रद्द कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि पीएफआई ने आईटी अधिनियम की धारा 13(1)(बी) और धारा 12एए(4)(ए) का उल्लंघन किया है। आयकर कानून का सेक्‍शन 80G कुछ निश्चित रिलीफ फंड्स और चैरिटेबल संस्थानों को डोनेशन या दान देकर टैक्स कटौती का लाभ पाने का विकल्प उपलब्ध कराता है।

पूर्व खंड कहता है कि धर्मार्थ संस्थानों को छूट धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए एक ट्रस्ट के मामले में या इस अधिनियम के शुरू होने के बाद स्थापित की गई धर्मार्थ संस्था के मामले में लागू नहीं होगी। यदि किसी विशेष धार्मिक समुदाय या जाति के लाभ के लिए ट्रस्ट या संस्था बनाई या स्थापित की जाती है तो उसे इसका लाभ नहीं मिलेगा।”

बाद वाले खंड में ऐसे धर्मार्थ संगठन के पंजीकरण को रद्द करने का प्रावधान है। आदेश में कहा गया है कि पीएफआई समुदायों के बीच सद्भाव और भाईचारे को नष्ट करने में लगा हुआ है। आयकर अधिनियम की धारा 80G लोगों को जनकल्याणकारी गतिविधियों में भाग लेने के लिए छूट प्रदान करती है। कुछ ट्रस्ट या चैरिटी को दान करने पर व्यक्ति कर में छूट का दावा कर सकते हैं।

पिछले साल जनवरी में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सीएए विरोधी दंगों के दौरान पीएफआई सदस्यों द्वारा की गई हिंसा के कारण पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की माँग की थी। पीएफआई के सदस्यों को अक्सर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाया गया है, जिसमें सांप्रदायिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हत्या भी शामिल है।

फरवरी में, केरल के चेलारी में पीएफआई ने अपने स्थापना दिवस पर रैली निकाली थी। इस रैली का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। वीडियो में परेड में आरएसएस की वेशभूषा पहने कुछ युवकों को जंजीर से जकड़ा हुआ दिखाया गया था। इसके अलावा अल्लाहु अकबर, ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर रसूलुल्लाह और जुलूस के दौरान नारे लगाने वाले अन्य लोगों सहित कई इस्लामी नारे लगाने वालों की पुष्टि की गई थी।

कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पीएफआई का हिंसा फैलाने का इतिहास

पीएफआई का हिंसा करने का काफी पुराना इतिहास है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के मद्देनजर हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों और देश भर में हिंसा की जाँच के दौरान, पीएफआई की भूमिका संदिग्ध रही है और पीएफआई के कई सदस्यों को दंगों में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा पिछले साल नवंबर में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने देश के विभिन्न हिस्सों में दंगों और हिंसा के लिए उकसाने के आरोपित किसानों के विरोध को अपना समर्थन दिया और प्रदर्शनकारियों को संविधान के संरक्षण के लिए संघर्ष करने के लिए कहा था।

पीएफआई और SIMI जैसे कट्टरपंथी इस्लामी संगठन विभिन्न राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फंडिंग के लिए कुख्यात हैं। दिसंबर 2019 में CAA के विरोध प्रदर्शनों के दौरान गृह मंत्रालय के साथ शेयर की गई एक खुफिया रिपोर्ट ने कुछ ‘राजनीतिक दलों’ की तरफ इशारा किया था और SIMI जैसे कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था।

संदर्भ : OpIndia

Saturday, 3 April 2021

Wednesday, 31 March 2021

ଇସରତ ଜାହାଁ ଏନକାଉଣ୍ଟର ମାମଲା:କ୍ରାଇମବ୍ରାଞ୍ଚର ୩ ଜଣ ଅଧିକାରୀ ଦୋଷମୁକ୍ତ

 ଇସରତ ଜାହାଁ ଏନକାଉଣ୍ଟର ମାମଲା:କ୍ରାଇମବ୍ରାଞ୍ଚର ୩ ଜଣ ଅଧିକାରୀ ଦୋଷମୁକ୍ତ

https://vskodisha.com/the-court-also-acquitted-the-remaining-police-officers-in-the-ishrat-jahan-encounter-case/

ଆତଙ୍କବାଦୀ ସଂଗଠନ ଲଶ୍କର-ଏ-ତାଇବା ର ଦୁଇ ଓଭର ଗ୍ରାଉଣ୍ଡ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କୁ ଗିରଫ କଲା ଜାମ୍ମୁ କାଶ୍ମୀର ପୋଲିସ
https://vskodisha.com/ammu-and-kashmir-security-forces-arrested-two-terrorists-allies-in-budgam/

Monday, 15 March 2021

बाटला हाउस एनकाउंटर: IM आतंकी आरिज खान को फाँसी की सजा, दिल्ली की कोर्ट ने सुनाया फैसला

 

बाटला हाउस एनकाउंटर से जुड़े मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन (IM) के आतंकी आरिज खान को मौत की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने इसे रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस बताया। साथ ही आरिज पर 11 लाख का आर्थिक दंड भी लगाया।

इससे पहले अदालत ने आरिज की सजा पर फैसला शाम 4 बजे तक सुरक्षित रख लिया था। पुलिस ने अदालत से निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की हत्या के मामले में आरिज खान को मौत की सजा देने का अनुरोध किया था। बीती सुनवाई में अदालत ने इस मामले में उसे दोषी करार दिया था। आरिज खान को दिल्ली पुलिस ने 2018 में गिरफ्तार किया था।

अदालत ने आरिज खान को आर्म्स एक्ट और भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307 के तहत दोषी करार दिया है। 2008 में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर केस के बाद से ही आरिज फरार था और 2018 में नेपाल से गिरफ्तार किया गया। आतंकी आरिज खान को बाटला हाउस एनकाउंटर में जान गँवाने वाले इंस्पेक्टर मोहन शर्मा की हत्या के लिए दोषी पाया गया है।

अस्‍पताल में इंस्‍पेक्‍टर शर्मा ने तोड़ा था दम

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि इंडियन मुजाहिद्दीन के पाँच आतंकी बाटला हाउस के एक फ्लैट में किराए पर मकान लेकर रह रहे हैं। 19 सितंबर 2008 की सुबह इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा आतंकियों को पकड़ने के लिए टीम लेकर बाटला हाउस में बिल्डिंग नंबर एल-18 के फ्लैट नंबर 108 में पहुँचे। उसी वक्त आतंकियों के साथ मुठभेड़ में उन्हें तीन गोलियाँ लग गईं। बाद में इलाज के दौरान उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस दौरान दो आतंकियों को मार गिराया गया था।

कौन है आतंकी आरिज खान?

साल 2008 में दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में जो धमाके हुए थे, उनके मुख्य साजिशकर्ताओं में आरिज का नाम था। इन सभी धमाकों में कुल 165 लोगों की जान गई थी, जबकि 535 लोग घायल हुए थे। धमाकों के बाद तब आरिज पर 15 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था और उसक खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस निकाला था।

बाटला हाउस वही एनकाउंटर है जिसको लेकर फरवरी 2012 में आजमगढ़ की एक रैली में कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा था कि जब उन्होंने एनकाउंटर की तस्वीरें सोनिया गाँधी को दिखाई, तब उनकी आँखों में आँसू आ गए

संदर्भ : OpIndia

Wednesday, 10 March 2021

भैंसा सांप्रदायिक हिंसा में 15 मामले दर्ज, दो पार्षदों समेत 13 दंगाई गिरफ्तार: 2 घर और 9 वाहन हुए थे खाक, कई घायल

भैंसा सांप्रदायिक हिंसा 13 गिरफ्तार भैंसा सांप्रदायिक हिंसा मामले में दो पार्षद समेत 13 लोग गिरफ्तार तेलंगाना के भैंसा में सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में कुल 15 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा दो पार्षदों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर हिंसा में सक्रियता से भाग लेने का आरोप है। निर्मल पुलिस अधीक्षक विष्णु वारियर ने बुधवार (मार्च 10, 2021) को द न्यूज मिनट को इसकी जानकारी दी। एसपी ने कहा, “दो पार्षदों ने लोगों को इकट्ठा किया और हिंसा में सक्रिय रूप से भाग लिया।” बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए दोनों पार्षदों में से एक AIADMK से है, जबकि दूसरा स्वतंत्र पार्षद है। भैंसा में दो धार्मिक समूहों के बीच रविवार शाम सांप्रदायिक झड़प हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप दो घरों और नौ वाहनों को आग लगा दी गई थी। पथराव में कुछ पत्रकारों और पुलिसकर्मियों सहित 10 लोग घायल हो गए। पुलिस ने बाद में कहा कि हिंसा दो व्यक्तियों के बीच एक बाइक दुर्घटना पर बहस के बाद हुई, जो बाद में दो धार्मिक समूहों के बीच लड़ाई में बदल गई और पूरे शहर में फैल गई। एसपी विष्णु वारियर ने टीएनएम को बताया कि 22 और लोग उनकी हिरासत में हैं, जिन्हें जल्द ही रिमांड पर लिया जाएगा। एसपी ने कहा, “हम विभिन्न स्रोतों से सबूत इकट्ठा कर रहे हैं। लोगों को पकड़ने और गिरफ्तार करने की कवायद चल रही है। इलाके में कुल 450 पुलिस कर्मी तैनात हैं। स्थिति नियंत्रण में है।” पुलिस ने आगे के दंगों को रोकने के लिए भैंसा में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लगा दी है। 450 पुलिस कर्मियों में पड़ोसी जिलों के 50 उच्च पदस्थ अधिकारी हैं जो निर्मल में तैनात किए गए हैं। गैरकानूनी सभा को रोकने के लिए पिकेटिंग प्वाइंट की भी व्यवस्था की गई है। जिले में इंटरनेट सेवाएँ भी निलंबित कर दी गई हैं। एसपी ने टीएनएम से कहा कि वे स्थिति का आकलन करने के बाद बुधवार शाम एक बैठक के बाद फिर से शुरू की जाने वाली इंटरनेट सेवा के बारे में निर्णय लेंगे। इस बीच, आरोप लगाया गया कि भैंसा में हिंदू हिंसा के पीड़ित थे, भाजपा के कई नेताओं ने भैंसा का दौरा करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। भाजपा सांसद सोयम बापू राव और धर्मपुरी अरविंद को पुलिस ने मंगलवार को हिरासत में ले लिया। अरविंद को घर में नजरबंद कर दिया गया था, लेकिन बापू राव, जो निर्मल के रास्ते में थे, को बलकोंडा में हिरासत में लिया गया था। हिंसा को लेकर गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हिंसा के बारे में लिखा है। किशन रेड्डी ने कहा, “पिछले 30-40 वर्षों से भैंसा में सांप्रदायिक दंगे होते रहे हैं। यह तीन दिन पहले फिर से हुआ। इन दंगों के पीछे असामाजिक तत्व हैं, जो सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे कि दंगे आम लोगों पर हमला करने के लिए एक बड़ी साजिश का हिस्सा हैं।” गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं जब भैंसा साम्प्रादायिक हिंसा का गवाह बना हो। साल 2020 में यहीं हिंदुओं और मुस्लिमों में बात बिगड़ी थी। पूरे 11 लोग घायल हुए थे। कोरबागल्ली सड़क पर 18 घरों को जलाया गया था और कई बाइक भी आग के हवाले की गई थीं।

कश्मीर में ‘पुलवामा’ दोहराने की साजिश हुई नाकाम: IED के साथ फिदायीन हमलावर समेत 7 आतंकी गिरफ्तार

 


दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जैसे हमले को दोहराने की साजिश को पुलिस ने नाकाम कर दिया है। इस बार आतंकियों की तैयारी पुलिस के सैन्य काफिले के अलावा म्युनिसिपल कमेटी पांपोर की इमारत को भी उड़ाने की थी।

गनीमत ये है कि ये आतंकी अपनी कोशिशों में कामयाब होते इससे पहले ही पुलिस ने सातों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें से एक फिदायीन हमलावर भी है। पुलिस ने पकड़े गए आतंकियों के तार लश्कर और जैश से जुड़े बताए हैं।

आतंकियों के पास से 2 शक्तिशाली IED और वाहन बम के लिए तैयार की जा रही कार भी बरामद हुई है। IGP कश्मीर रेंज विजय कुमार ने पत्रकारों से इस विषय में बातचीत के दौरान बताया कि पुलवामा जिले के अवंतीपोर इलाके में सक्रिय लश्कर व जैश के जिन 7 आतंकियों को पकड़ा गया है। इनमें एक बीए के प्रथम वर्ष का छात्र है।

कैसे पकड़े गए 7 आतंकी?

आईजीपी ने कहा कि उन्हें अपने सूत्रों से पता चला था कि पांपोर में जैश-ए-मोहम्मद ने कुछ नए लड़कों को भर्ती किया है, जो 14 फरवरी 2019 की तरह ही कोई बड़ा बम धमाका करने की साजिश की तैयारी कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस जानकारी के बाद उन्होंने संदिग्ध तत्वों के ऊपर निगरानी शुरु की और साहिल नजीर नामक एक युवक को पकड़ लिया। साहिल बीए प्रथम वर्ष का छात्र है जो पांपोर में रहता है। वह इंटरनेट के जरिए जिहादी तत्वों के संपर्क में आया और आतंकी संगठन का हिस्सा बना।

साहिल नजीर से पूछताछ के बाद 4 आतंकी और पकड़े गए। पुलिस ने उनके पास से कार JK0E-0690 बरामद की। अधिक पूछताछ में पता चला कि इस कार का इस्तेमाल वाहन बम के तौर पर किया जाना था।

बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद ने पंपोर से कुछ ही दूरी पर लिथपोरा में सीआरपीएफ के काफिले पर वाहन बम से 14 फरवरी 2019 को हमला किया था। हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हो गए थे। आतंकी आदिल डार इसमें फिदायीन हमलावर था जिसके विस्फोट में बुरी तरह परखच्चे उड़ गए थे।

साहिल व उसके साथी उसी तरह के हमले को अंजाम देने की फिराक में थे। सख्ती से पूछताछ में साहिल ने सारी बातें उगली। इतना ही नहीं उसने ये भी बताया कि साजिश को अंजाम तक पहुँचाने में उसकी व उसके साथियों की मदद उत्तरी कश्मीर में सक्रिय आतंकियों का एक ओवरग्राऊंड वर्कर कर रहा था।

25 Kg अमोनियम पाउडर हुआ आतंकी के घर से बरामद, इमारत उड़ाने की साजिश का खुलासा

आईजीपी ने यह भी बताया कि पांपोर में एक मुसैब अहमद नाम का आतंकी भी पकड़ा गया है। ये लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। मुसैब ने पूछताछ में अपने घर में छिपा कर रखे 25 किलो अमोनियम पाउडर की जानकारी दी। पुलिस ने सूचना पाते ही फौरन इसे बरामद किया। इसी पाउडर का यूज आइईडी बनाने में होना था।

इसके बाद मुसैब ने जैसे ही बताया कि IED के लिए बाकी सामान उत्तरी कश्मीर से आने वाला था और उसे शाहिद सोफी नाम का आतंकी उसे लाता। पुलिस ने तेजी दिखाते हुए सोफी को भी पकड़ लिया। जिसके बाद सोफी ने बताया कि वह एक शक्तिशाली विस्फोटक तैयार कर उसेे म्युनिसिपल कमेटी पांपोर की इमारत में लगाना चाहते थे।

बता दें कि जैश और लश्कर के पकड़े गए यह 7 आतंकी कुछ समय पहले ही आतंकवादी बने हैं। इनमें से कुछ कथित तौर पर अपने घरों में ही थे। आईजीपी ने तो बताया कि यह सभी इंटरनेट मीडिया के जरिए सरहद पार बैठे आतंकी सरगनाओं के साथ लगातार संपर्क में थे।

उन्होंने ये भी कहा कि आतंकी अब अपने हमलों को अंजाम देने के लिए अपनी रणनीति लगातार बदल रहे हैं। लेकिन सुरक्षाबल उनकी साजिशों से अवगत हैं। वह लगातार सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर उसे बेहतर बनाते हैं ताकि आतंकियों को किसी तरह का मौका न मिले।

सोपोर में भी सुरक्षाबल को सफलता

गौरतलब है कि एक ओर पांपोर में पुलिस को यह सफलता मिली है। वहीं बारामुला जिले के सोपोर में मंगलवार को सुरक्षाबलों ने अल-बदर कमांडर गनई ख्वाजा को मार गिराने में सफलता पाई। इस संबंध में कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार ने बताया कि सोपोर पुलिस को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी।

इसके बाद पुलिस सेना और सीआरपीएफ ने इलाके की घेराबंदी की। जहाँ आतंकियों की ओर से फायरिंग शुरू हो गई। जवाबी कार्रवाई में गनई ख्वाजा मारा गया, जबकि उसके दो साथी मौके से भाग निकले। मारे गए आतंकी के पास से भारी मात्रा में हथियार व गोला बारूद बरामद हुआ है।

ख्वाजा के बारे में आईजीपी ने बताया कि वह साल 2000 में पाकिस्तान गया था। जहाँ से वह 2 साल बाद 2002 में वापस आया। इसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई। साल 2008 में वह आतंकी संगठन अल बदर में शामिल हो गया। पिछले कुछ महीनों में मारे गए आतंकियों को उसने पाकिस्तान के इशारे पर भर्ती किया था।