Thursday, 30 September 2021
ଚାନ୍ଦିପୁର ଆଇଟିଆର ତଥ୍ଯ-ମିଳିଲା ପାକିସ୍ତାନୀ ଯୁବତୀଙ୍କ ଫଟୋ
ଚାନ୍ଦିପୁର ଆଇଟିଆର ତଥ୍ଯ-ମିଳିଲା ପାକିସ୍ତାନୀ ଯୁବତୀଙ୍କ ଫଟୋ
Wednesday, 29 September 2021
ପାକିସ୍ତାନରେ 12 ଆତଙ୍କବାଦୀ ସଂଗଠନ ସକ୍ରୀୟ
ଆତଙ୍କବାଦ
ଚାନ୍ଦିପୁର ଆଇଟିଆର ତଥ୍ଯ ପ୍ରଘଟ ଘଟଣା-ସିିବିଆଇ ତଦନ୍ତ ଲାଗି ନିର୍ଦେଶ
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ପାକ୍ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ଅନୁପ୍ରବେଶ ଉଦ୍ଯମ ପଣ୍ଡ
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ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ମତ୍ଯୁ, ଅନ୍ଯ ଜଣେ ଗିରଫ
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ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ମତ୍ଯୁ, ଅନ୍ଯ ଜଣେ ଗିରଫ
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Wednesday, 22 September 2021
ଗୁପ୍ତ ତଥ୍ଯଲାଗି ଦୁବାଇରୁ ଟଙ୍କା,ଦୁବାଇରୁ ଚାନ୍ଦିପୁର ଡ୍ରିଲ,ବିଭିନ୍ନ ସ୍ଥାନରେ ଏନ୍ଆଇଆର ଚଢାଉ,ଜୁବତୀ ଜଣକ କିଏ,ଉରିରେ ପାକ୍ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ଅନୁପ୍ରବେଶ,मुंबई में 4 कोचिंग संस्थान, दुनिया की नजरों में टीचर रिजवान: असल में आतंकियों का मददगार, ATS ने पकड़ा
Sunday, 19 September 2021
सोशल मीडिया से जिहाद फ़ैलाने वालों के बारे में अब सीधे NIA को बताइए
सोशल मीडिया से जिहाद फ़ैलाने वालों के बारे में अब सीधे NIA को बताइए
सोशल मीडिया के जरिए बढ़ती कट्टरता से निपटने के लिए देश की प्रमुख जाँच एजेंसी राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने सोशल मीडिया पर आतंकी संगठन ISIS की विचारधारा का प्रचार करने अथवा युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ आम लोगों को सूचित करने या शिकायत दर्ज करने के लिए एक हॉटलाइन नंबर 011-24368800 जारी किया है।
NIA ने बड़ी संख्या में आतंकी फंडिंग साजिश और हमले से जुड़े मामलों की जाँच की है, जिसमें 37 ऐसे मामले पाए गए हैं, जिनमें आरोपित ISIS से प्रेरित थे। सबसे ताजा मामला NIA ने जून 2021 में दर्ज किया गया था। NIA ने कुल 168 आरोपितों की गिरफ्तारी की थी, जिनमें से 31 मामलों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और 27 आरोपितों को विशेष NIA अदालत ने दोषी ठहराया है।
इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एँड सीरिया (ISIS) मध्य पूर्व के कुख्यात आतंकवादी संगठनों में से एक है। अपनी क्रूर हिंसा और नागरिकों पर हमलों के लिए कुख्यात संगठन इसके जरिए दुनियाभर में इस्लामिक राज्य स्थापित करना चाहता है।
लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की चिंता सता रही है कि ISIS लगातार सोशल मी़डिया के जरिए अपना प्रचार करते हुए भारत में अपना जाल फैला रहा है। भारत में इसके फैलाव को देखें तो अधिकतर ISIS मॉड्यूल, भर्ती, कट्टरता और आतंकी संगठन में शामिल होने के मामले केरल से सामने आए हैं। खासकर उत्तरी केरल सुरक्षा एजेंसियों की जाँच के दायरे का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।
ऐसे फंसाते हैं युवाओं को
आतंकी संगठन ISIS भोले-भाले य़ुवाओं को फँसाने के लिए फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, हूप इंस्टाग्राम जैसे ओपन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहा है। जैसे ही कोई एक बार जब इनमें दिलचस्पी दिखाता है तो विदेशों में बैठे ISIS हैंडलर डार्क वेब जैसे एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए युवाओं को कट्टर बनाना शुरू कर देते हैं। हैंडलर उन्हें ISIS साहित्य अपलोड करने और फैलाने, ऑनलाइन सामग्री तैयार करने, स्थानीय भाषाओं में आतंकी साहित्य का अनुवाद करने, मॉड्यूल स्लीपर सेल तैयार करने, हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा करने, आईईडी इकट्ठा करने, आतंकी फंडिंग के साथ हमला करने के लिए उकसाता है।
आतंकी संगठन युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने के लिए भारत को फोकस करके एक ऑनलाइन मासिक पत्रिका ‘वॉयस ऑफ हिंद‘ प्रकाशित करता है। ऐसे कई उदाहरण मिल जाएँगे जहाँ ISIS के स्थानीय आतंकियों ने उसके मॉड्यूल को स्थापित किया, जो कि अलग-अलग नामों से चल रहे हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो जनवरी 2020 में तमिलनाडु पुलिस के विशेष उप-निरीक्षक वाई विल्सन की हत्या की जाँच के दौरान ये जानकारी सामने आई थी कि ISIS के गुर्गे अब्दुल शमीम और तौफीक ISIS के अल-हिंद मॉड्यूल से जुड़े हुए थे।
जाँच में इस बात का पता चला था कि खाजा मोइदीन और महबूब पाशा ने भारत में आतंकी संगठन ISIS के उद्देश्यों को पूरा करने और इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए खिलाफत करने की कोशिश में थे। इसके अलावा ISIS का एक अन्य मॉड्यूल हिज़्ब-उत-तहरीर है, जिसका भंडाफोड़ कर्नाटक के बेंगलुरू में किया गया था। इस संगठन का को भारत में हिंदू नेताओं की हत्या करने का काम सौंपा गया था।
इसके अलावा कई उदाहरण ऐसे भी हैं, जिनेमें ISIS के रंगरूटों को हथियार चलाने और आईईडी बनाने का प्रशिक्षण देने के लिए दक्षिण भारतीय राज्यों के घने जंगल में आतंकी प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए गए थे। इस बात का खुलासा उस दौरान हुआ था, जब एनआईए केरल में ISIS से जुड़े एक केस (आरसी 02/2020/एनआईए/डीएलआई) की जाँच कर रही थी। इसमें खुलासा हुआ था कि ISIS के गुर्गों ने सीक्रेट कम्यूनिकेशन माध्यम डार्क वेब के जरिए अपने विदेशी हैंडलरों से आईईडी बनाया था औऱ उसकी टेस्टिंग भी की थी। आतंकी प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के लिए कैंपिंग उपकरण खरीदे गए थे।
Thursday, 16 September 2021
दक्षिण भारत में ‘इस्लामी खिलाफत’ चाहता था अल-हिंद का आतंकी : NIA की चार्जशीट
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के अल-हिंद मॉड्यूल से जुड़े एक आतंकवादी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। इससे पता चला है कि आतंकवादी ने दक्षिण भारत में ‘इस्लामी खिलाफत’ स्थापित करने की कोशिश में था। इस मामले में एनआईए की ओर से दायर यह दूसरी चार्जशीट है। एजेंसी द्वारा पहली चार्जशीट जुलाई 2020 में चेन्नई में विशेष एनआईए अदालत के समक्ष दायर की गई थी।
टाइम्स नाउ का दावा है यह चार्जशीट उसके पास है। इसमें बताया गया है कि आईएसआईएस आतंकवादियों ने बेंगलुरु को बेस के रूप में चुना था। 2019 से कर्नाटक और तमिलनाडु में साजिशों को लेकर कई बैठकें की थी। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह ISIS की विचारधारा का प्रचार करने में लगा था। पुलिस अधिकारियों और हिंदू नेताओं की हत्या के लिए हथियारों और विस्फोटकों को इकट्ठा करने की साजिश रची गयी। एनआईए का कहना है कि आरोपित ने एक अज्ञात आईएसआईएस हैंडलर के साथ साजिश रची थी।
3 सितंबर को दायर चार्जशीट में चेन्नई निवासी 39 वर्षीय शिहाबुद्दीन (उर्फ सिराजुदीन और खालिद) के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 25(1)(ए) और गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम 1967 की धारा 18, 20, 38 और 39 के तहत आरोप लगाए गए हैं। शिहाबुद्दीन को एनआईए ने जनवरी 2021 में स्पेशल सब-इंस्पेक्टर ए विल्सन की नृशंस हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। एनआईए के मुताबिक, आईएसआईएस आतंकवादी शिहाबुद्दीन मुंबई में हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा करने और आपूर्ति करने में एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।
जनवरी 2020 में तमिलनाडु के पुलिस अधिकारी एसएसआई विल्सन को मारने के लिए शिहाबुदीन और उसके सहयोगियों द्वारा बन्दूक और गोला-बारूद का इस्तेमाल किया गया था। एसएसआई को मारने के बाद शिहाबुद्दीन कतर भाग गया था। 6 जनवरी, 2021 को कतर से आने पर उसे एनआईए द्वारा चेन्नई हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था।
एसएसआई विल्सन की हत्या में शुरुआती जाँच से पता चला था कि उसके हत्यारे ‘स्व-घोषित जिहादी’ थे, जिन्होंने जनवरी 2020 में बेंगलुरु में तमिलनाडु पुलिस द्वारा अपने आईएसआईएस सहयोगियों की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने विल्सन की नृशंस हत्या के सिलसिले में 6 आरोपित आईएसआईएस आतंकवादियों के खिलाफ चेन्नई में विशेष एनआईए अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया है। चार्जशीट में विल्सन हत्या मामले में अब्दुल शमीम, वाई तौफीक, खाजा मोहिदीन, महबूब पाशा, एजस पाशा और जफर अली को आरोपित बताया गया है। इन पर आईपीसी की धारा 120 बी, 302, 353 और 506 (ii) 34 के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा यूए (पी) एक्ट 1967 के तहत 16, 18, 18बी, 20, 23, 38 और 39 और आर्म्स एक्ट की धारा 25(1बी)(ए) और 27 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि बेंगलुरु में महबूब पाशा और 16 अन्य लोगों के खिलाफ सद्दुगुंटेपल्या पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। बेंगलुरु के गुरप्पनपाल्या के रहने वाले महबूब पाशा और खाजा मोइदीन, जो तमिलनाडु में विभिन्न आतंकवाद और हत्या के मामलों में आरोपित है, ने दक्षिण भारत में युवा मुस्लिमों की भर्ती करके एक आतंकवादी समूह का गठन किया। एनआईए ने 23 जनवरी, 2020 को मामला फिर से दर्ज किया था और 1 फरवरी को तमिलनाडु पुलिस से मामला अपने हाथ में ले लिया था। जाँच से पता चला कि आरोपितों ने अल-हिंद मॉड्यूल का गठन किया था और अप्रैल 2019 में बेंगलुरु को अपने बेस के रूप में चुना था।
चार्जशीट में यह भी कहा गया कि पुरुषों को जंगलों में जीवनयापन करने और हिंदू नेताओं और सरकारी अधिकारियों का शिकार करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। आरोपितों ने आतंकवादी हमले को अंजाम देने के बाद शरण लेने के लिए कोलार, कोडागु और अन्य स्थानों (कर्नाटक), जंबुसर (गुजरात), रत्नागिरी (महाराष्ट्र), चित्तूर (आंध्र प्रदेश), बर्दवान और सिलीगुड़ी आदि स्थानों पर सुरक्षित ठिकानों की पहचान की। जाँच के क्रम में आरोपितों के घरों और संपत्ति से प्रशिक्षण सामग्री जैसे धनुष, तीर, रस्सी की सीढ़ी, पानी की चरखी, जंगल के जूते, स्लीपिंग बैग, टेंट, जंबो बैग आदि जब्त किए गए। इसके साथ ही आरोपित व्यक्तियों के पास से बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री भी जब्त किए गए।
ऑनलाइन भर्ती की कोशिश
इसके अलावा एनआईए ने 25 आईएसआईएस संदिग्धों की भी पहचान की है, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे अफगानिस्तान में हैं और अफगानिस्तान संकट के बाद जिहाद के लिए भारतीयों को ऑनलाइन भर्ती करने का प्रयास कर रहे हैं। एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “बेंगलुरू आईएसआईएस मॉड्यूल में विदेशी हैंडलर की पहचान अभी तक नहीं हुई है। उनके चैट में उसका नाम ‘भाई’ है।”
संदर्भ : OpIndia
Wednesday, 15 September 2021
दिल्ली पुलिस ने किया पाक मॉड्यूल का भंडाफोड, ६ जिहादी आतंकी गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार (सितंबर 14, 2021) को पाकिस्तान के आंतकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें 2 आतंकी ऐसे भी थे जिन्हें पाकिस्तान में ही ट्रेनिंग दी गई थी। इन 6 की पहचान महाराष्ट्र के जन मोहम्मद शेख, दिल्ली के ओसामा समी, राय बरेली के ओसामा मूलचंद, प्रयागराज के जीशान कमर, लखनऊ के मो आमिर जावेद और अबू बकर के तौर पर हुई है। इनमें जीशान और ओसामा वह हैं जिन्हें पाकिस्तान में प्रशिक्षित किया गया।
जीशान को प्रयागराज से पकड़ा गया। छानबीन में सामने आया कि वो एमबीए कर चुका है और दुबई में अकॉउंटेंट की जॉब करता था। कोरोना के कारण लॉकडाउन में वह घर लौटा और खजूर का बिजनेस शुरू कर दिया।
इनमें जन मोहम्मद शेख उर्फ समीर कालिया लंबे समय से मुंबई पुलिस की नजर में था। पेशे से ड्राइवर शेख को 2001 में एक केस में गिरफ्तार भी किया गया था। ऐसे ही लखनऊ से पकड़ा गया मोहम्मद आमिर जावेद, जीशान का रिश्तेदार था और पेशे से एक मजहबी उलेमा था। मूलचंद के बारे में बताया जा रहा है कि वो एक किसान था और दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी के कॉन्टैक्ट में था। मो अबू बकर बहराइच निवासी था, लेकिन जेद्दाह में रहता था। उसने 2013 में देवबंद के मदरसे से तालीम ली थी। ओसामा का परिवार मेवों का बिजनेस करता था, जिसके चलते वह कई बार मिडल ईस्ट देशों में जाता रहता था। पुलिस बताती है कि वह मस्कट गया था और पानी के रास्ते पाकिस्तान पहुँचा था।
दिल्ली पुलिस ने किया पाक मॉड्यूल का भंडाफोड़
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने इन गिरफ्तारियों के संबंध में बयान जारी करते हुए बताया, “हमने एक समीर को कोटा से गिरफ्तार किया है। 2 लोग दिल्ली से पकड़े गए हैं और तीन लोग उत्तर प्रदेश से पकड़े गए हैं।” स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी नीरज ठाकुर ने बताया, “गिरफ्तार लोगों ने कहा है कि उनके समूह में 14-15 बांग्ला भाषी व्यक्ति थे जिन्हें शायद इसी तरह के प्रशिक्षण के लिए लिया गया था। ऐसा लगता है कि इस ऑपरेशन को सीमा पार से बारीकी से कॉर्डिनेट किया गया था।”
इस पूरे मामले में आरोपित जन मोहम्मद शेख, ओसामा मूलचंद और मोहम्मद अबू बकर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। दो अन्य आरोपित भी कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेजे जाएँगे। जाँच में पता चला है कि संदिग्ध आतंकियों कोदा गाजी नाम के एक मेजर या लेफ्टिनेंट रैंक के अधिकारी के अंतर्गत प्रशिक्षित किया गया था। इनमें दो सब ऑर्डिनेट्स थे जिनका नाम जब्बार और हमजा है।
अलग-अलग राज्यों से पकड़े गए इन आतंकियों के निशाने पर 6 राज्यों के 15 शहर थे। नवरात्रि और रामलीला के दौरान भीड़भाड़ में हमलों को अंजाम देने की इनकी प्लानिंग थी। कुछ नामचीन भी इनके निशाने पर थे। इनके पास से विस्फोटक भी मिले हैं। यह बात भी सामने आई है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का भाई अनीस इसके लिए फंड मुहैया करा रहा था। इस बड़े आतंकी हमले की साजिश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने रची थी।