Wednesday, 28 February 2018

କାଶ୍ମୀରରେ ଆତଙ୍କବାଦୀ ସକ୍ରୀୟ

କାଶ୍ମୀରରେ ଆତଙ୍କବାଦୀ ସକ୍ରୀୟ

कश्मीर में घुसपैठ की फिराक में ३०-४० आतंकियों का समूह, पाक सेना कर रही है मदद

कश्मीर में घुसपैठ की फिराक में ३०-४० आतंकियों का समूह, पाक सेना कर रही है मदद

जम्मू : कश्मीर में सेना की आतंकियों के विरुद्ध कार्रवाई जारी है । ऐसे में सीमा पार से घुसपैठ के प्रयासों में जुटे आतंकियों की योजना बार-बार नाकाम हो रही है । इसके बावजूद नियंत्रण रेखा पार से बडी संख्या में आतंकी घुसपैठ के इंतजार में बैठे है । आतंकी घुसपैठ के लिए मौके की तलाश में बैठे है और इसमें उनकी मदद लगातार पाकिस्तानी सेना कर रही है । हालांकि सुरक्षा बल आतंकियों और पाकिस्तानी सेना के नापाक इरादों को पहले ही भाप चुका है ।

घुसपैठ के इंताजर में आतंकी, पाक सेना कर रही मदद

सेना के एक शीर्ष कमांडर ने सोमवार को बताया कि, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार बडी संख्या में आतंकी कश्मीर में घुसपैठ करने के इंतजार में हैं और पाकिस्तानी सेना उन्हें घुसपैठ कराने के प्रयास में संघर्ष विराम का उल्लंघन करती है । श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने बताया कि इस बात की सूचना है कि कई घुसपैठिए इंतजार में हैं और इस वर्ष कम बर्फ होने के कारण से वे जल्द ही घुसपैठ करने का प्रयास शुरू कर देंगे । यहां जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री सेंटर में पासिंग आउट परेड से इतर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि लेपा घाटी से लेकर मंडल एरिया, रामपुर तथा अन्य क्षेत्रों में एलओसी पार ३०-४० आतंकियों के कई समूह घुसपैठ के इंतजार में हैं ।

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पाकिस्तान द्वारा गांव को खाली करने की उद्घोषणा संबंधी रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर भट्ट ने बताया कि वह एलओसी के इस पार के गांवों के लिए नहीं थी । उन्होंने बताया कि वे सुरक्षा कारणों से वहां कुछ गांवों को खाली करने की सलाह दे रहे हैं और उन्हें सूचना है कि वे गांव भी पूरी तरह खाली नहीं हुए हैं । उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले संघर्ष विराम उल्लंघन का उचित जवाब दिया जाता है, जो स्थानीय कार्रवाइयां होती हैं । हमारा उद्देश पूरा मोर्चा खोलने का नहीं है । यदि पाकिस्तान संघर्ष विराम का उल्लंघन करता है या घुसपैठ कराने का प्रयास करता है तो हम जवाबी कार्रवाई करेंगे ।

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गौरतलब है कि पाकिस्तान सेना कश्मीर में घुसपैठ के लिए आतंकियों की मदद कर रही है । यही कारण है कि, वह बार-बार सीजफायर का उल्लंघन कर रही है । ताकि गोलीबारी की आड में आतंकी कश्मीर में दाखिल हो सके । हालांकि पहले भी पाकिस्तानी सेना ऐसा करती आई है, ऐसे में सेना और भी संतर्क हो गई है । वे पाकिस्तान और आतंकियों के साथ ‘ईंट का जवाब पत्थर से’ की रणनीति पर काम कर रही है ।
स्त्रोत : जागरण

Thursday, 22 February 2018

ISIS आतंकी से शादी के बाद झोया अपने बच्चों को भी आतंकी बनाने का देख रही है ‘सपना’ !

ISIS आतंकी से शादी के बाद झोया अपने बच्चों को भी आतंकी बनाने का देख रही है ‘सपना’ !


भारतीय लोगों को बरगलाकर खुंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस(ISIS) में भर्ती कराने की खबरें सामने आ चुकी है । परंतु कभी सुना है कि कोई महिला अपने बच्चों को आईएसआईएस में भर्ती कराना चाहती हैं । परंतु बंग्लादेश की रहने वाली झोया चौधरी का सपना है कि उसके बच्चे बडे होकर आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में भर्ती हों ।
दरअसल, झोया चौधरी ने वर्ष २००४ में अमेरिका के रहने वाले जॉन जॉर्जेलस (John Georgelas) से विवाह किया था । पहली बार झोया जॉन से एक ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से मिली थी । जॉन ने उससे पहले ही अपने आपको इस्लाम धर्म में परिवर्तन कर लिया था । इस्लाम से जुडने के बाद जॉन का नाम याह्या अबू हसन (Yahya Abu Hassan) हो गया । बता दें कि, जॉन के पिता अमेरिकी वायु सेना में डॉक्टर के रूप में काम कर चुके हैं ।
जॉन के परिवार को इस बात की खबर तब मिली जब उसने २००१ में इस्लाम को अपनाया । बता दें कि ९/११ के हमलों के बाद जॉन ने इस्लाम धर्म अपनाने का निर्णय लिया था । उस दौरान जॉन टेक्सास कॉलेज में पढाई कर रहा था । इसके बाद मुस्लिम डेटिंग वेबसाइट पर २००३ में जॉन की मुलाकात बंग्लादेश की रहने वाली झोया चौधरी से हुई और २००४ को दोनों ने विवाह कर लिया ।
जॉन ( याह्या अबू हसन) आज आईएसआईएस के आतंकी है । इसके साथ ही वह इराक और सीरिया के आतंकवादी समूह में नए युवाओं को जोडने का काम भी करता है । अमेरिका में रहने के दौरान झोया चौधरी और जॉन पर कट्टरपंथी इस्लामी प्रचारक होने का आरोप लगा था । जिसके बाद उसने इंटरनेट होस्टिंग कंपनी डलास में काम किया था जिसके तहत वह ऑनलाइन अल-कायदा समर्थकों को जोडता था ।
स्त्रोत : जनसत्ता

Wednesday, 21 February 2018

पाकिस्तान से आनेवाले आतंकी घटे, इसलिए अब स्थानिक कश्मीरी स्लीपर सेल बन रहे फिदायीन


१८ साल वालों पर ज्यादा फोकस

नई देहली : कश्मीरी युवकों के आतंकी हमलों में शामिल होने से सुरक्षा बलों की मुश्किलें बढ गई हैं । दरअसल, सीमा पर बढती चौकसी के कारण से पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों की संख्या घट गई है । ऐसे में जैश और लश्कर जैसे आतंकी गुट अपने साथ जुडे स्थानीय युवाओं को आतंकी हमलों में शामिल कर उन्हें फिदायीन बना रहे हैं । यह खुलासा लेखपुरा एनकाउंटर के बाद पाकिस्तानी आतंकी के मोबाइल में मिले वॉट्सएप ग्रुप से हुआ था । १५ से १८ साल के युवाओं को लडकियों के बीच शोहरत और पैसों का लालच देकर आतंकी बनने के लिए उकसाया जा रहा है ।

स्लीपर सेल को आतंकी बनाया जा रहा है

नई रणनीति के तहत घाटी में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद ने तीन से चार आतंकियों का फिदायीन ग्रुप तैयार किया है । इसमें एक या दो आतंकी जैश के और बाकी जम्मू-कश्मीर के स्थानिक युवा शामिल होते हैं ।
पहले इनका उपयोग बतौर स्लीपर सेल सिक्युरिटी फोर्सेस के कैंप की रेकी, वहां तैनात जवानों की संख्या और हमले के लिए चुने गए शहर में सुरक्षित ठिकाने मुहैया कराने के लिए होता था । अब इन्हें एके-४७ जैसे हथियारों की ट्रेनिंग देकर हमलों के लिए उपयोग किया जाने लगा है ।

सीआरपीएफ शिवीर पर कश्मीरी आतंकियों ने हमला किया

कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा के ऐसे ही एक मॉड्यूल का खुलासा ३१ दिसंबर को पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले के बाद हुआ था । इसमें तीन आतंकी मारे गए थे । इनमें एक पाकिस्तानी और बाकी कश्मीरी थे ।
करन नगर क्षेत्र में भी सीआरपीएफ कैंप पर हमले की कोशिश करने वाले दो आतंकियों के साथ भी दो और युवक मौके पर मौजूद थे । जो गोलिबारी में भाग खडे हुए थे । सीसीटीवी फुटेज और मौके से मिले सबूतों से इनके स्थानीय निवासी होने का इशारा करते हैं ।

१५ से १८ साल के युवाओं पर ज्यादा फोकस

लेखपुरा हमले में मारे गए आतंकी अब्दुल शाकूर की तलाशी के दौरान एक मोबाइल मिला था । इसमें पीओके और आजाद कश्मीर नाम के कई वॉट्सएप ग्रुप मिले थे ।
इनकी जांच से पता चला कि, पाकिस्तानी आतंकी १५-१८ साल के कश्मीरी युवाओं को लड़कियों के बीच शोहरत और पैसों का लालच देकर आतंकी बनने के लिए उकसा रहे हैं ।

सैन्य और पुलिस से जुडे कश्मीरी निशाने पर

सेना की उत्तरी कमान संभाल चुके लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डी एस हूडा के अनुसार, आतंकवादी आम लोगों में डर पैदा करने के लिए खासतौर पर उन कश्मीरियों को निशाना बना रहे हैं जो सेना, पुलिस या फिर दूसरी सुरक्षा एजेंसियों से जुडें हैं ।
स्त्रोत : भास्कर

Tuesday, 20 February 2018

पत्थर मारने वालों को देते हैं घर और नौकरी, हमारे लिए उनके पास समय तक नहीं – हुतात्मा का परिवार



जम्मू एवं कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम उल्लंघन में हुतात्मा हुए भारतीय सैनिक हवलदार रोशन लाल के परिवार वाले जम्मू कश्मीर सरकार से नाराज हैं । इनका आरोप है कि राज्य सरकार इनकी जरा सा भी सुध नहीं ले रही है ।
हवलदार रोशन लाल की बेटी अर्तिका ने कहा कि उनके पिता की शहादत के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने उनके परिवार को कोई फोन भी नहीं किया । मासूम अर्तिका ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “मुफ्ती जी को तो केवल कश्मीर नजर आता है, उन्हें जम्मू नहीं दिखता, उनसे हम क्या उम्मीद करें, हमें कोई फोन नहीं आया ।”
बच्चे ही नहीं हवलदार रोशन लाल के घर के बुजुर्ग भी सरकार के रवैये से नाराज हैं । रोशन लाल के रिश्तेदार मुरारी लाल ने कहा कि, यहां पर केवल सियासत हो रही है । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास सेना पर पत्थर बरसाने वाले लोगों को बसाने के लिए समय है परंतु हुतात्मा होने वाले लोगों से मिलने के लिए राज्य सरकार के पास कोई समय नहीं है । मुरारी लाल ने कहा, “केवल सियासत हो रही है यहां, ये पत्थर मारने वाले को नौकरी देते हैं, घर बना के देते हैं, परंतु जो बच्चे हुतात्मा होते हैं, उनके लिए बिलकुल समय नहीं है ।”
हवलदार रोशनलाल ४ फरवरी को राजौरी में भीमबेर गली सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई उकसावे वाली फायरिंग में हुतात्मा हो गये थे । इस दौरान कैप्टन कपिल कुंदू, राइफलमैन रामअवतार, राइफलमैन शुभम सिंह ने भी अपने प्राणों की कुर्बानी दी थी । कैप्टन कुंदू हरियाणा के रहने वाले थे, जबकि  २७ वर्षीय राइफलमैन रामअवतार ग्वालियर के बाराका गांव के, २३ वर्षीय शुभम सिंह जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ के और ४३ वर्षीय हवलदार रोशन लाल जम्मू एवं कश्मीर के सांबा के रहने वाले थे ।
स्त्रोत : जनसत्ता

Monday, 19 February 2018

अगर इन्हे भारतीय नागरिकता मिल सकती है, तो पाक से आए हिन्दू शरणार्थीआें को कब मिलेगी ?

अगर इन्हे भारतीय नागरिकता मिल सकती है, तो पाक से आए हिन्दू शरणार्थीआें को कब मिलेगी ?



केंद्र सरकार एक प्लान पर विचार कर रही है जिसके तहत लगभग ३५० पूर्व कश्मीरी आंतकी रहे लोगों का उचित पुनर्वास किया जाएगा । इनमें वो लोग शामिल हैं जिन्हें कि पाक अधिकृत कश्मीर में वर्ष १९८९ से लेकर २००९ के बीच ट्रेनिंग दी गई थी । मगर वह राज्य सरकार की वर्ष २०१० में आई वापसी की पॉलिसी की वजह से देश लौट आए हैं । इन पूर्व आतंकियों की पत्नी और बच्चों को एक उचित लाभ देने पर विचार किया जा रहा है । यदि केंद्र इस प्लान को बना लेती है तो इससे उन बच्चों को नागरिकता मिल जाएगी जिनका जन्म पाक अधिकृत कश्मीर में हुआ था । इसके अलावा आतंकी की पत्नियों को भी भारत का नागरिक बनाया जा सकेगा । जम्मू और कश्मीर के लिए नियुक्त केंद्र के प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा पूर्व आतंकियों, उनके बच्चों और पत्नियों के आर्थिक पुनर्वास पर अध्ययन कर रहे हैं । जम्मू और कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा जारी की गई सूचना के अनुसार वर्ष २०१० तक नेपाल और बांग्लादेश के जरिए ३३७ पूर्व आतंकी अपने ८६४ परिवार के सदस्यों के साथ वापस राज्य लौटे हैं ।
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पूर्व आतंकियों ने पाक अधिकृत कश्मीर को जम्मू और कश्मीर में एक बेहतर, शांतिपूर्ण जीवन जीने की अपेक्षा में छोड़ा था । वापस आए यह आतंकी राज्य में इस समय दयनीय जीवन जी रहे हैं क्योंकि उनके लिए किसी तरह का रोजगार या नौकरी नहीं है । उनकी पत्नी और बच्चे राज्यरहित लोग हैं जिन्हें कि भारत में आने से पहले अपना पाकिस्तानी पासपोर्ट नष्ट करना पड़ा था । उनकी नागरिकता पर अभी फैसला नहीं हुआ है । जिसकी वजह से वह राज्य की मूलभूत सुविधाओं जैसे कि स्कूल या कॉलेज में दाखिला लेना या जम्मू और कश्मीर से बाहर जाने के अयोग्य हैं ।
स्त्राेत : अमर उजाला

Monday, 5 February 2018

उत्तर प्रदेश : एटीएस के हत्थे चढा संदिग्ध आतंकी शेख अली अकबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश ऐंटी टेररेजम स्क्वॉड (एटीएस) को सोमवार शाम बडी सफलता हाथ लगी है ! कश्मीर में संदिग्ध आतंकी गतिविधियों में शामिल शेख अली अकबर नाम के व्यक्ति को एटीएस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है । पुलिस को काफी समय से अली अकबर की तलाश थी । पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ में जुटी हैं ।
इससे पहले दिसंबर २०१७ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( एनआयए) ने लखनऊ से ही लश्कर के आतंकी शेख अब्दुल नईम को गिरफ्तार किया था । नईम २००६ में हुए हैदराबाद बम धमाके का मुख्य आरोपी है । नईम एक बार चलती ट्रेन से कूदकर भाग चुका था ।
कुछ महीने पहले ही लश्कर-ए-तैयबा की छिपी हुई गतिविधियों से जुडी जांच जारी रखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआयए) ने बिहार के एक व्यक्ति को देहली से गिरफ्तार किया था ।
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स

बिजनौर : सेना के प्रति अपशब्दों का प्रयोग करते हुए कश्मीरी मुस्लिमों के लिए चंदा मांगनेवाला कश्मीरी दंपती गिरफ्तार


किरतपुर (बिजनौर) : हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम मोहल्लों में भारतीय सेना के प्रति अपशब्द कहकर चंदा मांग रहे एक कश्मीरी दंपती को पकडकर पुलिस के हवाले कर दिया ।
रविवार शाम एक महिला और एक पुरुष किरतपुर शहर के मुस्लिम मोहल्लों में भारतीय सेना के प्रति अपशब्दों का प्रयोग करते हुए कश्मीरी मुस्लिमों के लिए चंदा मांग रहे थे । इस बात का पता चलने पर हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने दोनों को पकडकर पूछताछ की । सूचना पर पहुंचे थाना प्रभारी निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह दोनों को पकडकर थाने ले गए । उन्होंने बताया कि, तलाशी में इनके पास से जम्मू कश्मीर स्टूडेंट नेशनल रिलीफ फंड बारामूला श्रीनगर का लेटर पैड तथा कुछ आइडी मिली हैं । दोनों ने अपने नाम गुलाम नवी और कौसर पत्नी गुलाम नवी निवासी ग्राम हुसन बांगिल थाना कुंजर बारामूला कश्मीर बताया है । पुलिस इन दोनों से बरामद कागजों की जांच कर रही है ।

कार्यवाहक एसपी दिनेश कुमार ने कहां कि, दंपती चंदा मांगते हुए पकडा गया है । उनके परिवार के लोग मुरादाबाद में रह रहे हैं । वहां से जानकारी जुटाई जा रही है । फिलहाल उनके पास कोई आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिले हैं । पूरी जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी ।
स्त्रोत : जागरण

कश्मीरी छात्रों के लिए स्कॉलरशिप ऑफर कर रहा पाकिस्तान, ज्यादातर छात्र आतंकवादियों के रिश्तेदार



नई देहली : पाकिस्तान अपनी आेर झुकाव रखनेवाले भारतीय कश्मीरी युवकों की पीढी तैयार करने के लिए उन्हें स्कॉलरशिप की पेशकश कर रहा है ! स्टूडेंट वीजा पर पाकिस्तान गए ज्यादातर युवक आतंकवादियों के रिश्तेदार हैं । यह बात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआयए) ने टेरर फंडिंग मामले में दाखिल आरोपपत्र में कही है !
एनआयए के अनुसार, ‘जांच के दौरान पता चला कि जो युवक स्टूडेंट वीजा पर पाकिस्तान गए हैं, वे या तो पूर्व आतंकवादियों के या सक्रिय आतंकवादियों के रिश्तेदार हैं, जो कई आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हैं और पाकिस्तान में शरण लिए हुए हैं । वे वहां हुर्रियत नेता के तौर पर पहचाने जाते हैं !’ जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया कि इन युवाओं के वीजा आवेदन के लिए कई हुर्रियत नेता नई देहली स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्त में सिफारिश भी करते हैं, जिसमें हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी भी शामिल हैं !

सलाउद्दीन एनआयए और सईद

न्यायालय में १८ जनवरी को दाखिल आरोपपत्र में खुलासा हुआ है कि कई युवक, जो पाकिस्तान जाते हैं, वे पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जेवाले हुर्रियत नेताओं के सहयोग से अपने ऐडमिशन संबंधित काम करवाते हैं । एनआयए ने कहा कि पाकिस्तान सरकार की कई परियोजनाओं के अंतर्गत उन्हें वहां एमबीबीएस और इंजिनियरिंग सीटें उपलब्ध करवाई जाती हैं । एनआयए के आरोपपत्र की प्रति आयएएनएस के पास भी है, जिसमें कहा गया है, ‘यह त्रिकोणीय गठजोड़ की ओर इशारा करता है, जहां आतंकवादी, हुर्रियत और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान तीन केंद्रों में हैं और ये सभी मिलकर कश्मीर में डॉक्टरों और इंजिनियरों की ऐसी पीढी पैदा कर रहे हैं, जिसका झुकाव पाकिस्तान की आेर होगा !’
आपको बता दें कि एनआयए ने नईम खान के घर से ऐसे दस्तावेज जब्त किए थे, जिसमें पाकिस्तान स्थित एक नामी मेडिकल कॉलेज में एक छात्रा के दाखिले की इस आधार पर सिफारिश की गई थी कि उसका परिवार कश्मीर में स्वतंत्रता संघर्ष के लिए हर तरह से प्रतिबद्ध है । एनआयए के अनुसार, इसी तरह का एक दस्तावेज शाहिद-उल-इस्लाम के घर से जब्त किया गया था, जिसमें हुर्रियत नेता वीजा जारी करने के लिए पाकिस्तानी उच्चायोग को सिफारिश भेज रहे थे ।
आरोपपत्र में पाकिस्तान में रह रहे आतंकवादी हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन व सात अन्य कश्मीरी अलगाववादियों समेत तीन अन्य के नाम हैं । आरोपपत्र में हुर्रियत के जिन नेताओं के नाम हैं, उनमें अफताब हिलाली ऊर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, एयाज अकबर खांडेय, फारूक अहमद डार ऊर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह, राजा मेहराजुद्दीन कलवल और बशीर अहमद भट ऊर्फ पीर सैफुल्लाह शामिल है । एनआयए ने इसके अलावा व्यापारी जहूर अहमद वताली और पथराव करनेवाले कामरान और जावेद अहमद भट नामक दो युवकों के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया है !
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स

पाक की नापाक हरकत : पाक सेना की फायरिंग में कैप्टन सहित चार सैनिक हुतात्मा



भारत मां के आैर कितने सपुतों को खोने के बाद सरकार पाक को सबक सिखाने के लिए कडा कदम उठाएगा ?

कुछ दिन की खामोशी के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने एकबार फिर जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर रविवार को गोलाबारी की । इसमें गुडगांव निवासी कैप्टन कपिल कुंडू समेत चार सैनिक हुतात्मा हो गए । हमले में दो नाबालिग समेत चार लोग घायल हो गए । भारतीय सेना ने भी पाक की इस हरकत का मुंहतोड जवाब दिया !


बाएं आेर से हवलदार रोशन सिंह, राइफलमैन रामवतार आैर राइफलमैन शुभम सिंह

सैन्य अधिकारियों ने बताया कि रविवार शाम संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तानी रेंजर्स ने राजौरी के भीमबेर गली सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास भारी गोलाबारी और बमबारी की । इसमें गुडगांव के रांसिका गांव निवासी कैप्टन कपिल कुंडू, ग्वालियर निवासी राइफलमैन रामवतार, कठुआ निवासी राइफलमैन शुभम सिंह, सांबा निवासी हवलदार रोशन सिंह हुतात्मा हो गए । २२ वर्षीय कैप्टन का छह दिन बाद यानी १० फरवरी को ही जन्मदिन था । इससे पहले पाकिस्तानी रेंजर्स ने जिले के मंजकोट सेक्टर में दो गांवों को निशाना बनाते हुए मोर्टार के गोले दागे । हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ ।


कैप्टन कपिल कुंडू अपनी माताजी एवं बहन के साथ, कैप्टन का छह दिन बाद यानी १० फरवरी को ही जन्मदिन था !

गांवों को भी निशाना बनाया

रविवार सुबह पुंछ जिले के शाहपुर सेक्टर में पाक की गोलाबारी में दो नागरिक शाहनाज बानो (१५), यासीन आरिफ (१४) और एक सैनिक घायल हो गए । पाक रेंजर्स ने नियंत्रण रेखा से लगते अग्रिम चौकियों और गांव को निशाना बनाया था । यहां भी रूक रूक कर गोलीबारी जारी है !

तीन दिनों के लिए विद्यालय बंद

पाकिस्तानी की आेर से की जा रही गोलीबारी और गोलाबारी के मद्देनजर राजौरी में नियंत्रण रेखा के पांच किलोमीटर के दायरे में सभी ८४ विद्यालयों को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है । राजौरी के उपायुक्त शाहिद इकबाल ने यह जानकारी दी ।

घरों के अंदर रहने की सलाह

राजौरी में सीमा से सटे इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है । अधिकारियों ने लोगों को घर से न निकलने की सलाह दी है ।

गोलियों से दें पाक को जवाब

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा, सुरक्षाबलों को आदेश दे दिया गया है कि पाकिस्तान की आेर से की गई गोलीबारी का जवाब अनगिनत गोलियों से दें ।

इसलिए बौखलाया पाक

भारत की ओर की गई सर्जिकल स्ट्राइक, आतंकियों और पाकिस्तानी रेंजर्स के विरुद्ध कार्रवाई से पाक बौखलाया हुआ है । हाल के दिनों में आतंकी फंडिंग पर नकेल कसने और कश्मीर में मुख्यधारा में शामिल हो रहे आतंकियों को देखते हुए पाक तिलमिलाया हुआ है और ऐसी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में है !
कब कहां हमला
  • सुबह ११:१० बजे : पुंछ के शाहपुर सेक्टर में मोर्टार से हमला ।
  • दोपहर बाद ३:४० बजे : राजौरी के मनकोट सेक्टर में ।
  • शाम ६:१५ बजे : राजौरी के भीमबेर गली सेक्टर में ।

कब क्या हुआ
– १३८ पाक सैनिक मारे गए २०१७ में एलओसी पर
– १५५ पाकिस्तानी सैनिक पिछले साल भारत की जवाबी कार्रवाई में घायल हुए
– २८ भारतीय सैनिक भी हुतात्मा हुए इस दौरान
– ८६० बार पाक ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया २०१७ में
– २२१ बार पाक ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया था २०१६ में
– २७ पाकिस्तानी सैनिकों को भारतीय स्नाइपर ने मार गिराया
– ५ पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे पिछले साल दिसंबर के अंतिम हफ्ते में

Saturday, 3 February 2018

आतंकियों का गढ बना बुरहान का त्राल, चार और धर्मांध युवक जैश-ए-मोहम्मद में हुए शामिल

Friday, February 2, 2018

आतंकियों का गढ बना बुरहान का त्राल, चार और धर्मांध युवक जैश-ए-मोहम्मद में हुए शामिल

  • यदि एेसे ही चलता रहा, तो एक दिन त्राल का पाकिस्तान बनने में समय नहीं लगेगा !
  • आतंक की राह पर जाने से रोकने में असफल मेहबुबा सरकार बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपती शासन लागू करें, एेसी राष्ट्रप्रेमीयों की मांग है 
आतंकी बुरहान वानी को तो सुरक्षाबलों ने मार गिराया, परंतु उसका इलाका त्राल आतंक की नर्सरी बनता जा रहा है । इसी क्षेत्र के चार और युवक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गए हैं ।
महबूबा सरकार ने आतंकियों की वापसी के लिए तो नीति बनाई परंतु युवाओं को आतंक की राह पर जाने से रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया है । सूत्रों के अनुसार पिछले एक वर्ष में इस क्षेत्र के मोहम्मद आकिब खान, मुबशिर अहमद, गोहर वानी और अशफाक खान जैश में शामिल हुए ।
बताते हैं कि इन्हें कारी वकास उर्फ मुफ्ती वकास नाम के एक युवक ने बहकाया है । इस क्षेत्र में पिछले कुछ समय में मारे गए आतंकियों में बुरहान वानी का नाम सबसे ऊपर है । इसके अलावा सब्जार भट्ट, अबू लल्हारी, अबू दुजाना, उमर खालिद आदि आतंकी भी इसी क्षेत्र के थे । जो सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए ।
कारी, पीओके का रहने वाला है । जिसकी उम्र अभी लगभग २५ वर्ष है । यह भी पता चला है कि वह इस क्षेत्र में इन आतंकियों को अपने साथ रखकर ट्रेनिंग दे रहा है । हैरत की बात है कि कश्मीर में शांति का हल ढूंढने आए वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा भी अब तक त्राल नहीं गए । जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी एमएम खजूरिया ने कहा कि सरकार को इस क्षेत्र का विशेष अध्ययन कराना चाहिए ।

चार में से तीन युवक पढ़े लिखे

१. मोहम्मद आकिब खान त्राल के राजपुरा का रहने वाला है और मकेनिकल इंजीनियरिंग की है । आयु लगभग २२ वर्ष है ।
२. मुबशिर अहमद पुलवामा के ही त्राल, पशतूना गांव का रहने वाला है । अरैबिक मास्टर की पढाई की है । आयु लगभग २५ वर्ष है ।
३. गोहर वानी त्राल के ही हरमूदिर में रहने वाला गोहर ने बी टेक किया हुआ है । आयु लगभग २० वर्ष है ।
४ अशफाक खान त्राल के हंदूरा का रहने वाला है । वह दसवीं पास और कारपेंटर का काम सीख रहा था ।
स्त्रोत : अमर उजाला