Wednesday, 24 April 2019

काशी विश्वनाथ मंदिर व देहली में विस्फोट की जैश ए मोहम्मद ने दी धमकी



  • जैश ए मोहम्मद के नाम से आया खत

  • डीजीपी ने इंटेलीजेंस को सक्रिय किया

शामली : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले के रेलवे स्टेशन समेत कई बडे स्टेशनों को बम से उडाने की धमकी मिली है। यह धमकी खत के जरिए दी गई है। धमकी में कहा गया कि १३ मई को धमाके किए जाएंगे। ऐसा न होने पर १६ मई को काशी विश्वनाथ मंदिर, देहली आदि प्रमुख मंदिरों को उडाने की धमकी भरा पत्र डाक के द्वारा शामली स्टेशन मास्टर को भेजा गया है। डीजीपी ओपी सिंह ने मामले की जांच एटीएस को सौंपी है।

जैश ए मोहम्मद के नाम से धमकी

धमकी भरे पत्र को शामली रेलवे स्टेशन पर साधारण डाक से भेजा गया है। वहीं एसपी ने बताया गया कि रेलवे अधिकारियों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। भेजे गए पत्र में जैश-ए-मोहम्मद के नाम से धमकी दी गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व देहली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल के बारे में भी लिखा गया है। इस संबंध में सोमवार को रेलवे पुलिस ने पुलिस अधीक्षक शामली को अवगत कराया। इसके बाद पुलिस प्रशासन और खुफिया जनसेवा सक्रिय हो गई है। रेलवे ने अपने मुख्यालय को मामले से अवगत करा दिया है।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के कहने पर ISIS ने श्रीलंका में सीरियल ब्लास्ट को दिया अंजाम – सूत्र


नई देहली : ईस्टर के मौके पर श्रीलंका सीरियल बम ब्लास्ट से दहल गया है ! कोलंबो और श्रीलंका के कई इलाकों में ईस्टर के दौरान ६ बम धमाके हुए हैं। ये धमाका तीन चर्च और तीन पांच सितारा होटल में हुआ है। इस ब्लास्ट में अबतक १२९ लोगों की मौत हो गई, जबकि ३०० घायल हैं। मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। ये धमाका कोलंबो में सेंट एंथनी चर्च, नौगोंबो में सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोबा में हुआ है। इसके अलावा होटल शांग्री-ला, सिनामोन ग्रैंड और किंग्सबरी में भी धमाका हुआ है।
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई कहने पर  आईएसआईएस के आतंकियों ने इस इन हमले को अंजाम दिया है। श्रीलंका जांच एजेंसियों के हवाले से आ रही खबरों के अनुसार शुरुआती जांच में इस सीरियल ब्लास्ट को आईएसआई इशारे पर आईएसआईएस के आतंकियों ने अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि इस हमले को उस वक्त अंजाम दिया गया जब वहां ईस्‍टर की प्रार्थना सभाएं चल रही थीं। जिसके चलते हताहतों और घायलों संख्या बढ़ सकती है। इस बीच प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने आपात बैठक बुलाई है। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही उन्होंने लोगों से जांच में सहयोग करने की भी अपील की है। राष्ट्रपति ने अधिकारियों को जांच करने और हमलावरों को खोजने का आदेश दिया है।
पूरे मामले पर भारत की पैनी नजर है। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने ट्वीट कर कहा है कि हम कोलंबो स्थित भारतीय उच्‍चायोग से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। इधर भारतीय उच्‍चायोग ने भारतीय नागरिकों की मदद के लिए इमर्जेंसी नंबर जारी कर दिए हैं। श्रीलंका में अपने परिचितों की जानकारी के लिए +94777903082 +94112422788 +94112422789 पर मदद प्राप्‍त की जा सकती है।
स्त्रोत : न्यूज 24

Monday, 22 April 2019

नैशनल तौहीद जमात : उस आतंकी संगठन का इतिहास जिसने श्रीलंका में धमाकों से मचाई तबाही


image source : News18
कोलंबो : श्रीलंका में रविवार को चर्च और फाइव स्टार होटलों को निशाना बनाकर किए गए सिलसिलेवार ८ बम धमाकों ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक १३ लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन इस हमले के लिए श्रीलंका की पुलिस के शक की सुई वहां के चरमपंथी इस्लामिक संगठन नैशनल तौहीद जमात (एनटीजे) पर टिकी है।

कट्टरपंथी इस्लामी संगठन

एनटीजी (नैशनल तौहीद जमात) श्रीलंका का एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है। इसे तौहीद-ए-जमात के नाम से भी जाना जाता है। इस संगठन पर श्रीलंका में वहाबी विचारधारा को बढाने का आरोप है। इस संगठन का प्रभाव श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में ज्यादा देखा गया है। यह संगठन देश के कई हिस्सों में महिलाओं के लिए बुर्का और मस्जिदों के निर्माण के साथ शरीया कानून को आगे बढ़ाने में लगा है।
image source : News18

ISIS से जुडा था नाम

इस संगठन का नाम पहली बार २०१३ में सामने आया था। श्रीलंका के तत्कालीन रक्षा मंत्री ने इस संगठन को लेकर चिंता जताई थी। उस दौरान खुफिया एजेंसियों ने इस संगठन के आईएसआईएस से तार जुडे होने की बात कही थी। आईएसआईएस से प्रभावित लोगों के इस संगठन से जुडे होने की बात भी सामने आई थी। इन हमलों में इस संगठन पर सबसे ज्यादा शक होने का भी यही कारण है।

तोडी थी मूर्तियां

श्रीलंका के इस कट्टरपंथी संगठन ने साल २०१४ में भगवान बुद्ध की मूर्तियों को तोडा था। इसे लेकर श्रीलंका में कई जगह इस संगठन का विरोध भी हुआ था।

२०१६ में पहली गिरफ्तारी

इस संगठन के सचिव अब्दुल रैजिक अपने भड़काऊ बयानों के लिए जाना जाता हैं। २०१४ में ही अब्दुल ने बौद्ध धर्म को लेकर बेहद आपत्तिजनक बयान दिए थे। इसी तरह के कुछ और बयानों के चलते विवादों में आने के बाद अब्दुल को २०१६ में पहली बार गिरफ्तार किया गया था। २०१६ में ही इस संगठन पर कई इलाकों में हिंसा भड़काने का भी आरोप लग चुका है।

एक धड़ा तमिलनाडु में भी सक्रिय

तौहीद जमात का एक धड़ा तमिलनाडु में भी सक्रिय है। यहां इसे तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) के नाम से जाना जाता है। तमिलनाडु के इस संगठन के खिलाफ अक्टूबर २०१७ में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस संगठन पर जबरन ईसाई समुदाय के कुछ लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने का आरोप लगा था।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

Tuesday, 9 April 2019

जम्मू कश्मीर में RSS नेता पर आतंकी हमला, गार्ड की गई जान


जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) के नेता चंद्रकांत पर आतंकी हमला हुआ है.

जम्मू कश्मीर में RSS नेता पर आतंकी हमला, गार्ड की गई जानश्रीनगर: जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) के नेता चंद्रकांत पर आतंकी हमला हुआ है. इस आतंकी हमले में चंद्रकांत के गार्ड की जान चली गई है. हमला भागने में कामयाब रहे. पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है.

बताया जा रहा है कि चंद्रकांत किश्तवाड़ा के अस्पताल में इलाज करा रहे थे, इसी दौरान आतंकी वहां पहुंचे और उनपर फायरिंग शुरू कर दी. चंद्रकांत के गार्ड ने जवाबी फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान एक गोली गार्ड को लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई.
गोली की आवाज सुनकर पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया. वहां मौजूद मरीज और उनके परिजनों के बीच अफरा-तफरी मच गई. इसी का फायदा उठाकर आतंकी वहां से भागने में सफल रहे.
सूचना के बाद मौके पर पहुंचे सुरक्षा बलों ने पूरे अस्पताल की घेराबंदी कर दी. साथ ही तलाशी अभियान भी चलाया जा रहा है. हमलावरों की तलाश में प्रत्यक्षदर्शियों से भी पूछताछ की जा रही है.
स्त्रोत :

Thursday, 4 April 2019

बीटेक का छात्र आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल



दक्षिणी कश्मीर के शोपियां का एक युवक आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया है। उसकी एके ४७ राइफल लिए तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। उसकी पहचान कामरान जहूर के रूप में हुई है। एक अधिकारी ने उसकी तस्वीर की पुष्टि की है। वह बीटेक का छात्र था। सूत्रों के अनुसार शोपियां जिले के करेवा के शादाब इलाके का निवासी कामरान जहूर कुछ दिनों पहले लापता हो गया था।
स्थानीय लोगों ने बताया कि कामरान बीटेक छात्र था। अब उसकी फोटो सोशल मीडिया पर दिखाई दी है, जिसमें उसके आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने की घोषणा की गई। एक अधिकारी ने उसकी तस्वीर की पुष्टि की है।
स्त्रोत : अमर उजाला

JeM chief Masood Azhar’s nephew Mohd. Umar killed in Pulwama district



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In a major victory to the security forces, the nephew of Jaish-e-Mohammad (JeM) chief Masood Azhar was killed in Pinglish village in Tral town of Pulwama district of Jammu and Kashmir.
According to the Jammu and Kashmir Police, three terrorists were killed on March 11 including Azhar’s nephew Mohammad Umar alias Khalid along with with the mastermind of Pulwama terror attack Mudasir Ahmed Khan. Umar, the son of  Ibrahim Azhar, has been identified as a Pakistani national.
According to the police records, the terrorists were affiliated with proscribed terror outfit JeM and were wanted for their complicity in a series of terror crimes including the attack on security establishments and civilian atrocities. Many terror crime cases were registered against them.
They were involved in the Lethpora attack on CRPF camp.
Arms and ammunition including assault rifles were also recovered from the site of the encounter on March 11.
According to reports, JeM on Wednesday conducted a memorial service for him.
“Yes, he has been killed. His code name was Khalid. He was killed on March 11 at Pinglish in Tral, south Kashmir. He was killed with Mudasir Ahmad Khan, a local militant,” said sources to Zee News.
Source : Zee News

Wednesday, 3 April 2019

२०१७ के सीआरपीएफ कैंप हमले का मुख्य आरोपी जैश आतंकी निसार यूएई से गिरफ्तार


  • निसार अहमद तांत्रे १ फरवरी २०१९ को यूएई भाग गया था

  • दिसंबर २०१७ में कश्मीर में CRPF कैंप पर हुए हमले में ५ सैनिक हुतात्मा हुए थे, ३ आतंकी मारे गए थे

नई देहली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी निसार अहमद तांत्रे को गिरफ्तार किया है। इसे ३१ मार्च को भारत लाया गया। निसार १ फरवरी २०१९ को यूएई भाग गया था। निसार २०१७ में कश्मीर के लेथपोरा में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले में मुख्य आरोपी है। हमले में ५ सैनिक हुतात्मा हो गए थे। तब तीन हमलावरों को मार गिराया गया था।

निसार के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था

निसार तांत्रे जैश के दक्षिणी कश्मीर का डिविजनल कमांडर नूर तांत्रे का भाई है। एनआईए लेथपोरा हमले की जांच कर रही है। एनआईए न्यायालय के स्पेशल जज ने निसार के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था, जिसके आधार पर उसे यूएई से लाया जा सका। माना जाता है कि नूर तांत्रे ने घाटी में जैश को पैर जमाने में मदद की। दिसंबर २०१७ में उसे एक मुठभेड में मार गिराया गया था।

हमले में शामिल था एक पाक आतंकी

लेथपोरा केस में ही पुलवामा के अवंतिपुरा निवासी फैयाज अहमद मैग्रे को फरवरी में गिरफ्तार किया जा चुका है। हमले में जिन तीन आतंकियों को मार गिराया गया था, उनकी पहचान त्राल निवासी फरदीन अहमद खांडे, पुलवामा के द्रुबग्राम में रहने वाले मंजूर बाबा और पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल शकूर के तौर पर की गई थी। शकूर पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के रावलकोट का रहने वाला था। फैयाज जैश का सक्रिय सदस्य था। उसी ने हमले में शामिल आतंकियों को छिपने का ठिकाना, हथियार और खुफिया जानकारियां मुहैया कराईं।

यूएई कर रहा मदद

पिछले वर्ष में यूएई कई भगोडों को भारत को सौंप चुका है। यूएई अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीद के मामले में रिश्वतखोरी के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल, मामले में कथित दलाल दीपक तलवार के अलावा आईएसआईएस के समर्थकों, इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी अब्दुल वाहिद सिद्दिबापा और १९९३ मुंबई ब्लास्ट के आरोपी फारूख टकला जैसे आतंकियों को भारत को सौंप चुका है।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर

Tuesday, 2 April 2019

Seven Pak posts destroyed as Indian Army retaliates to ceasefire violations





Representational image

Jammu : Seven Pakistani posts across the LoC were destroyed as the Indian Army retaliated to cross-border shelling by Pakistani troops who targeted border areas in Rajouri and Poonch districts, officials said on Tuesday.
There have been several casualties to Pakistani troops too, they said.
As a precautionary measure, all schools along the borderline in Poonch and Rajouri districts have been closed by authorities in view of the Pakistani shelling.
On Monday, a BSF inspector and a five-year-old girl + were among three persons killed while 24 others were injured as Pakistani troops heavily shelled forward areas along the Line of Control in Poonch district, prompting the Indian Army to retaliate “befittingly”, said officials.
There was heavy mortar shelling and firing along LoC in Poonch district and Nowshera sector of Rajouri district till Tuesday morning”, officials said.
There was also firing and shelling by Pakistan troops in Shahpur sub-sector in Poonch and Nowshera on Tuesday, they said.
In the retaliation carried out by Indian troops, seven Pakistan posts across the LoC in Rakhchikri and Rawalakote forward areas of Pakistan Occupied Kashmir (PoK) were destroyed, they said adding there have been several causalities on the Pakistan side.
The Inter-Services Public Relations (ISPR) of Pakistan has said three Pakistan Army soldiers were killed on Tuesday in retaliation carried out by Indian forces along the Line of Control (LoC).
Pakistan has been using heavy weaponry and 120 mm mortar bombs to target civilian areas along the LoC in Poonch, triggering panic among villagers, they said.
Amid the ongoing shelling by Pakistan, people have been advised to stay indoors, the officials said.
Source : TOI

Monday, 1 April 2019

सेना को बडी कामयाबी : श्रीनगर से जैश का कुख्यात आतंकी फैयाज अहमद लोन गिरफ्तार


श्रीनगर : घाटी में आतंक का पर्याय बन चुका जैश-ए-मोहम्मद का कुख्यात आतंकी मोहम्मद फैयाज अहमद लोन को गिरफ्तार कर लिया गया है। देहली पुलिस स्पेशल सेल ने श्रीनगर से लोन को गिरफ्तार किया है। देहली पुलिस ने आतंकी फैयाज के पर २ लाख रुपये का इनाम रखा था। यही नहीं इस कुख्यात आतंकी के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुका था। लोन २०१५ से ही गिरफ्तारी से बच रहा था।
उधर, पुलवामा में सुरक्षाबलों को सोमवार सुबह बडी कामयाबी हाथ लगी। पुलवामा जिले के लस्‍सीपोरा इलाके में सुरक्षा बलों ने एक एनकाउंटर में आतंकवादी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा के चार आतंकियों को मार गिराया है। मारे गए आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।

सीमा पर पाक की नापाक हरकत जारी

बता दें कि भारतीय सेना की आेर से बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद से बौखलाया पाकिस्तान सीमा पर लगातार सीजफायर उल्लंघन कर रहा है। पाकिस्तान की सेना ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा से लगे हुए राजौरी जिले की अग्रिम चौकियों और गांवों को निशाना बनाते हुए रविवार को मोर्टार दागे और गोलीबारी की। इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने शनिवार को संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए नियंत्रण रेखा से लगे पुंछ जिले में सेना की अग्रिम चौकियों और गांवों को निशाना बनाकर गोलीबारी की थी।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

कश्मीरी स्कूली बच्चों को आतंक की राह पर धकेल रहे हैं पाक समर्थित आतंकी संगठन


पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में अपने ना-पाक मंसूबे पूरे करने के लिए अब भोले-भाले स्कूली बच्चों का सहारा लेना शुरू कर दी है। सुरक्षा एवं जांच एजेंसियों ने इस मामले में एक बडे नेक्सस का पर्दाफाश किया है। जम्मू-कश्मीर के १७८ हायर सेकेंडरी स्कूल और ४१ हाईस्कूल ऐसे मिले हैं, जहां आतंकी संगठन अपने स्लीपर सेल के जरिए बच्चों को गुमराह कर आतंक के रास्ते पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। फोन टैपिंग के जरिए जो बातें सामने आई हैं, उसके अनुसार इस नेक्सस में स्कूल के अध्यापक, चतुर्थ श्रेणी स्टाफ और पांच सरकारी विभाग, वन, लोक निर्माण, श्रम विभाग, मंडी और परिवहन शामिल हैं। आतंकी संगठनों ने सभी स्कूल में स्लीपर सेल के लिए अलग-अलग कोड जारी किए हैं। नाबालिगों को भारतीय सुरक्षाबलों के खिलाफ भडका कर उन्हें पहली किश्त के तौर १५ सौ रुपये भी देते हैं।

इस तरह हुआ आतंकी संगठनों की ना-पाक हरकत का पर्दाफाश

पुलवामा हमले के बाद सुरक्षाबलों ने कश्मीर में बडा सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। चप्पे-चप्पे पर नजर रखी गई। उसके बाद भी आतंकी घटनाएं होती रही। सुरक्षाबलों को यह समझ नहीं आ रहा था कि उनकी आवाजाही और सर्च ऑपरेशन की सूचनाएं आतंकियों तक कैसे पहुंच रही हैं। आतंकियों को हथियार-गोला बारुद और दूसरी मदद भी मिल रही है।
एनआईए ने पुलवामा हमले की जांच के दौरान पता लगाया कि जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों के बडे पैमाने पर स्लीपर सेल मौजूद हैं। हालांकि लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद और हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी, जैसे आतंकी संगठनों व उनके स्लीपर सेल का अंदेशा तो जांच एजेंसियों को पहले भी था, परंतु स्कूली बच्चों का उपयोग, यह एक राज ही बना हुआ था। दो सप्ताह पहले जांच एजेंसियों ने इस बाबत गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भी सौंपी है।

बच्चों से कहा जाता है बैग में हर वक्त आधार कार्ड साथ रखें

जांच एजेंसियों के अधिकारियों का कहना है कि आतंकी संगठन स्कूली बच्चों को नाबालिग होने की वजह से अपना स्लीपर सेल बना रहे हैं। वे जानते हैं कि अगर सौ बच्चों में से बीस बच्चे भी लंबे समय तक आतंकी संगठन के साथ जुडे रहे तो वे सुरक्षाबलों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। चूंकि ये नाबालिग हैं, इन पर किसी को शक नहीं होगा और ये पकडे गए तो जुवेनाइल एक्ट में जल्द छूट जाएंगे। इसके अलावा स्कूली बच्चों को अपने इलाके में हर जगह का पता होता है।
आतंकियों की ऐसी सोच है कि बच्चों को जो भी काम सौंपा जाएगा, वे उसे आसानी से पूरा कर देंगे। पिछले माह जम्मू में बस अड्डे पर जो ग्रेनेड फेंका गया था, उसमें ऐसे ही बच्चों का उपयोग किया गया था। हालांकि पुलिस अभी उनके दस्तावेज जांच रही है। जम्मू-कश्मीर में स्लीपर सेल को धन की मदद देने वाले कथित अलगाववादी एवं दूसरे असामाजिक तत्व बच्चों के आधार कार्ड की फोटो प्रति उनके बैग में डलवा देते हैं। जो कॉल इंटरसेप्ट की गई, उसमें पाकिस्तान से आतंकी संगठन का एक सदस्य कह रहा है कि बच्चों को जिहाद की जानकारी देनी शुरू करो। स्कूल के बाद उन्हें खेल के बहाने जंगल या दूसरी किसी सुनसान जगह पर बुलाओ। अगर पैसे कम पड रहे हों तो स्लीपर सेल कोड वर्ड (साहबजादा) को बोल देना। बच्चों को जेहाद के यंत्र (कोड वर्ड) यानी हथियारों की जानकारी भी दे दो।
जो छात्र हायर सेकेंडरी स्तर पर हैं, उन्हें हर माह एक तय राशि दी जाए। बच्चों को एक छोटी सी पुस्तिका भी दी जाती है, जिसमें आतंकी संगठन खुद के बारे में बताते हैं। वे खुद को कश्मीर के लोगों का साथ देने वाले बताते हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि पाकिस्तान का इन बच्चों को आतंक की राह पर ले जाने का उद्देश बडा साफ है। अगर कभी इन बच्चों ने किसी बडी वारदात को अंजाम दिया या आतंकियों की मदद की तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह कहा जा सकेगा कि इसमें पाकिस्तान का हाथ नहीं है। ये सब भारतीय बच्चे हैं।

इन जिलों के स्कूलों में मौजूद हैं आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल

अनंतनाग-२५ स्कूल, बांदीपोरा-१५ हाई और आठ हायर सेकेंडरी स्कूल, बारामुला में ३४ हाई और १४ हायर सेकेंडरी स्कूल, बडगांव में १८ हायर सेकेंडरी स्कूल, डोडा में ११, कठुआ में पांच, किश्तवाड में १३, कुलगांव में आठ, कुपवाडा में १७ हाई व २१ हायर सेकेंडरी, शोपियां में २१ और पुलवामा में ११ हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। इसके अलावा कई हाईस्कूलों में भी स्लीपर सेल अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं।
जांच एजेंसियों के अनुसार, स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी स्टाफ का स्लीपर सेल के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। कई जगहों पर अध्यापक भी आतंकी संगठनों के संपर्क में हैं। इसके अलावा कुछ ड्राइवर-कंडक्टर स्लीपर सेल बने हैं। स्कूलों से बाहर, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, परिवहन, श्रम विभाग और मंडी जैसे विभागों में बडे स्तर पर स्लीपर सेल बनाए जा रहे हैं। आतंकियों को सबसे बडी मदद परिवहन विभाग से मिल रही है।
अलगाववादी नेता इन विभागों और आतंकी संगठनों के बीच की कडी का काम करते हैं। एनआईए, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना, अर्धसैनिक बल, आईबी, रॉ, एनटीआरओ और ईडी जैसी एजेंसियों को संयुक्त तौर से इस ऑपरेशन में लगाया गया है।
स्त्रोत : अमर उजाला